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Maharashtra Election: 5 पॉइंट्स में जानें, महाराष्ट्र चुनाव में उलेमा बोर्ड के समर्थन से विपक्ष को नुकसान होगा या फायदा?

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: उलेमाओं की इस डिमांड लिस्ट में बीजेपी के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर बैन की मांग भी शामिल है। ये खबर चर्चा के केंद्र में आ चुकी है। आइए कुछ पॉइंट्स में समझते हैं कि उलेमा बोर्ड की इस डिमांड से विपक्ष को फायदा होगा या नुकसान

Arun Tiwariअपडेटेड Nov 14, 2024 पर 6:45 AM
Maharashtra Election: 5 पॉइंट्स में जानें, महाराष्ट्र चुनाव में उलेमा बोर्ड के समर्थन से विपक्ष को नुकसान होगा या फायदा?
Maharashtra Election: महाराष्ट्र चुनाव में उलेमा बोर्ड के समर्थन से विपक्ष को नुकसान होगा या फायदा?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के सामने वोटों के समर्थन वाली एक ऐसी पेशकश आई है जिससे विपक्षी नेता परेशान ही होंगे। दरअसल ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाराष्ट्र में विपक्षी MVA को सपोर्ट करने की बात तो कही है लेकिन अपनी डिमांड की एक लिस्ट भी पकड़ा दी है। उलेमाओं की इस डिमांड लिस्ट में बीजेपी के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर बैन की मांग भी शामिल है। ये खबर चर्चा के केंद्र में आ चुकी है। आइए कुछ पॉइंट्स में समझते हैं कि उलेमा बोर्ड की इस डिमांड से विपक्ष को फायदा होगा या नुकसान?

1-ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की स्थापना 1989 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य समाज के सभी वर्गों में शांति कायम करना बताया गया है। महाराष्ट्र के चुनाव में उलेमा बोर्ड ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए MVA के पक्ष में समर्थन देने की घोषणा की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बोर्ड की महाराष्ट्र विंग ने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के पास 17 मांगों की लिस्ट भेजी है।

इसके अलावा मांगों में ये बातें शामिल हैं- मुस्लिमों को 10% आरक्षण मिले, वक्फ संशोधन बिल 2024 रद्द हो, इमामों-मौलानाओं को 15000 रु./महीना मिले, मुस्लिमों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता मिले।

2-कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया जा रहा है कि कांग्रेस और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी द्वारा इन मांगों को मान भी लिया गया है। लेकिन इस 'वोटों की डील' में सबसे ज्यादा परेशानी उद्धव ठाकरे को हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस और शरद पवार से हाथ मिलाने वाले उद्धव ठाकरे पर पहले भी हिंदुत्व के मुद्दे से पलटी मारने के आरोप लगते रहे हैं। इस डील से इन आरोपों पर पुख्ता मुहर भी लग जाएगी। मुस्लिम समुदाय का वोट उद्धव गुट को कितना मिलेगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन पार्टी को हिंदू वोटों का नुकसान हो सकता है।

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