राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक के बाद एक कई वेल्फेयर स्कीमों का ऐलान किया है। सवाल है कि क्या इन स्कीमों की बदौलत वह राज्य की सत्ता में वापसी करने में कामयाब होंगे? दूसरा बड़ा सवाल यह है कि क्या गहलोत और अशोक पायलट के बीच लंबे समय से जारी रस्साकशी का असर चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं पर पड़ेगा? राज्य में 25 नवंबर को वोटिंग होगी। कुल 200 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन चुनाव हो जाएंगे। इन चुनावों के नतीजों से कांग्रेस की ताकत, कमजोरी, मौके और चुनौतियों का पता चलेगा। हालांकि, राजनीति के जानकारों का कहना है कि लंबे समय बाद कांग्रेस मजबूत दिख रही है। पिछले साल मल्लिकार्जुन खड़गे के पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा है। हिमाचल और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में मिली जीत से पार्टी नेतृत्व के हौसले बुलंद लग रहे हैं।
