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शहरी कंजम्प्शन में सुस्ती की तरफ इशारा कर रहे ये 10 बेहद अहम इंडिकेटर्स

पिछले 6 महीने में एक अलग ट्रेंड उभरकर सामने आया है। एक ओर जहां टीयर-3 शहरों और गांवों में मांग बढ़ रही है, वहीं शहरों में तमाम कैटेगरी में खपत सुस्त हो रही है। पिछले कुछ महीनों में कई डोमेस्टिक ग्रोथ इंडिकेटर्स में बदलाव देखने को मिला है। हम यहां 10 अहम इकोनॉमिक इंडिकेटर्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे शहरी मांग में सुस्ती के संकेत मिलते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 13, 2024 पर 7:36 PM
शहरी कंजम्प्शन में सुस्ती की तरफ इशारा कर रहे ये 10 बेहद अहम इंडिकेटर्स
रिटेल सेल्स कंज्यूमर डिमांड का प्रमुख इंडिकेटर है, जिसमें सितंबर 2024 तिमाही के दौरान इससे पिछली तिमाही के मुकाबले सुस्ती देखने को मिली।

पिछले 6 महीने में एक अलग ट्रेंड उभरकर सामने आया है। एक ओर जहां टीयर-3 शहरों और गांवों में मांग बढ़ रही है, वहीं शहरों में तमाम कैटेगरी में खपत सुस्त हो रही है। पिछले कुछ महीनों में कई डोमेस्टिक ग्रोथ इंडिकेटर्स में बदलाव देखने को मिला है। हम यहां 10 अहम इकोनॉमिक इंडिकेटर्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे शहरी मांग में सुस्ती के संकेत मिलते हैं।

सर्विसेज में गिरावट, मैन्युफैक्चरिंग PMI

पिछले कुछ महीनों में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज गतिविधियों में गिरावट रही है, जो कंज्म्प्शन के साथ काफी करीबी रूप से जुड़ी हैं। यह दिखाता है कि बिजनेस इकाइयां प्रोडक्शन और सर्विसेज घटा रही हैं, जिसका मतलब है कि जॉब ग्रोथ में कमी होगी।

रिटेल सेल्स ग्रोथ में सुस्ती

रिटेल सेल्स कंज्यूमर डिमांड का प्रमुख इंडिकेटर है, जिसमें सितंबर 2024 तिमाही के दौरान इससे पिछली तिमाही के मुकाबले सुस्ती देखने को मिली। इसके अलावा, दोनों तिमाहियों में ग्रोथ सालाना आधार पर कम रही है, जो इस बात का संकेत है कि कंज्यूमर्स ने इस फिस्कल ईयर में अपन खर्च कम कर रखा है।

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