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Budget 2024 : यूरिया आयात खर्च में एक-तिहाई कमी कर सकती है सरकार

Budget 2024 : देश में फर्टिलाइजर्स की कुल खपत में यूरिया की हिस्सेदारी 55-60 फीसदी है। इसके लिए देश में उत्पादित यूरिया और आयातित यूरिया का इस्तेमाल होता है। यूरिया सब्सिडी स्कीम के तहत किसानों को 242 रुपये प्रति 45 किलोग्राम की दर से यूरिया उपलब्ध कराई जाती है। इसमें टैक्स और नीम कोटिंग चार्जेज शामिल नहीं हैं। 45 किलोग्राम के यूरिया के बैग की असल कीमत 2,200 रुपये है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 03, 2024 पर 6:10 PM
Budget 2024 : यूरिया आयात खर्च में एक-तिहाई कमी कर सकती है सरकार
Budget 2024 : लिक्विड नैनो यूरिया एक नाइट्रोजन फर्टिलाइजर है। यह सस्ता है लेकिन ज्यादा प्रभावी है। इसका इस्तेमाल बढ़ने से यूरिया के आयात पर निर्भरता घटा सकती है। नैनो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लिक्विड नैनो यूरिया का उत्पादन होता है।

Budget 2024 : फाइनेंस मिनिस्ट्री को वित्त वर्ष 2024-25 में यूरिया आयात बिल में एक-तिहाई फीसदी कमी की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि सरकार नैनो यूरिया और यूरिया के इस्तेमाल पर फोकस बढ़ा रही है। इससे अगले वित्त वर्ष में फर्टिलाइजर सब्सिडी में कमी आ सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने इस बारे में बताया। इस वित्त वर्ष में यूरिया इंपोर्ट बिल के 31,000 करोड़ रुपये पहुंच जाने की संभावना है। अधिकारी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में यूरिया का आयात कम रहेगा। इस वित्त वर्ष में सरकार यूरिया के आयात पर 31,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मार्केट डेवलपमेंट एसिस्टेंस और नैनो यूरिया के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर्स और मैन्योर्स यूरिया के विकलप हैं। वित्तमंत्रालय अगले वित्त वर्ष में यूरिया के आयात के लिए 20,000-21,000 करोड़ रुपये का आवंटन कर सकती है।

यूरिया पर सब्सिडी काफी ज्यादा

देश में फर्टिलाइजर्स की कुल खपत में यूरिया की हिस्सेदारी 55-60 फीसदी है। इसके लिए देश में उत्पादित यूरिया और आयातित यूरिया का इस्तेमाल होता है। यूरिया सब्सिडी स्कीम के तहत किसानों को 242 रुपये प्रति 45 किलोग्राम की दर से यूरिया उपलब्ध कराई जाती है। इसमें टैक्स और नीम कोटिंग चार्जेज शामिल नहीं हैं। 45 किलोग्राम के यूरिया के बैग की असल कीमत 2,200 रुपये है।

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