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फुल बजट में सरकार का फोकस फिस्कल कंसॉलिडेशन पर जारी रहने की उम्मीद, वेल्फेयर स्कीम्स भी फोकस में होंगी

नई एनडीए सरकार जुलाई के तीसरे हफ्ते में फुल बजट पेश कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि सरकार का फोकस अपनी वित्तीय सेहत को ठीक करने पर बना रह सकता है। लोगों के फायदे से जुड़ी योजनाओं पर भी सरकार को जोर हो सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 13, 2024 पर 1:27 PM
फुल बजट में सरकार का फोकस फिस्कल कंसॉलिडेशन पर जारी रहने की उम्मीद, वेल्फेयर स्कीम्स भी फोकस में होंगी
RBI से 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलने के बाद फिस्कल डेफिसिट में कमी लाने की सरकार की कोशिश को मजबूत मिली है।

नई एनडीए सरकार अपना फुल बजट जुलाई की तीसरे हफ्ते में पेश कर सकती है। बजट में सरकार का फोकस फिस्कल प्रूडेंश पर जारी रहने की उम्मीद है। मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेजी को अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिलने से नई एनडीएस सरकार के फोकस में बदलाव हो सकता है। सरकार अपनी फिस्कल पॉलिसी में बदलाव कर सकती है। उसका फोकस लोगों के फायदे से जुड़ी योजनाओं पर बढ़ सकता है।

फिस्कल डेफिसिट को घटाने पर फोकस

सूत्रों ने बताया कि फुल बजट में एक तरफ जहां फोकस वेल्फेयर से जुड़ी कुछ स्कीमों पर बढ़ेगा वही दूसरी तरफ सरकार फिस्कल प्रूडेंस की भी ध्यान रखेगी। सरकार इस फाइनेंशियल ईयर के लिए फिस्कल डेफिसिट जीडीपी के 5.1 फीसदी तक रखने के टारगेट को बनाए रख सकती है। इसकी वजह यह है कि सरकार मीडियम टर्म यानी FY26 तक फिस्कल डेफिसिट को 4.5 फीसदी से कम करना चाहती है।

FY24 में फिस्कल डेफिसिट टारगेट से कम

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