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Budget 2022: रियल्टी की मजबूत नींव तैयार, क्या वित्त मंत्री खड़ा करेंगी रियल एस्टेट की शानदार इमारत

इकरा का अनुमान है कि भारतीय रियल एस्टेट कंपनियां 2022 के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्टों के जरिए 48 अरब डॉलर से ज्यादा रकम जुटाएंगी, जबकि पिछले साल यह रकम 29 अरब डॉलर थी

Bhuwan Bhaskarअपडेटेड Jan 19, 2022 पर 12:27 PM
Budget 2022: रियल्टी की मजबूत नींव तैयार, क्या वित्त मंत्री खड़ा करेंगी रियल एस्टेट की शानदार इमारत
यदि 2022 में रियल एस्टेट की किस्मत का एक खाका खींचना हो तो कहा जा सकता है कि 2021 ने एक तेज वृद्धि की भूमिका तैयार कर दी है और अब गेंद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के पाले में है

भुवन भास्कर

भारत में रियल एस्टेट सेक्टर एक सोए हुए दैत्य की तरह है। पिछले करीब एक दशक से यह खर्राटे भर रहा है और इससे जुड़े तमाम पक्ष, चाहे वह बिल्डर हों या खरीदार, सांसें रोक कर खड़े हैं। लोगों की याददाश्त में अब भी इस सदी के पहले दशक में आए रियल एस्टेट बूम की यादें ताजा हैं, जब प्रॉपर्टी की कीमतें रातोंरात बढ़ा करती थीं और साल-दो साल में दाम दोगुना हो जाना आम बात थी। उस दौर के इंतजार में अब भी कई निवेशक वर्षों से फंसे बैठे हैं। रियल एस्टेट इंडस्ट्री तो बढ़ती लागत और बढ़ती इनवेंटरी के बीच झूल ही रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि अब ये सोया हुआ दैत्य अंगड़ाई लेने लगा है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि धीरे-धीरे रियल एस्टेट इंडस्ट्री में एक बार फिर मांग में तेजी आ रही है और 2022 इस सेक्टर के लिए टर्नअराउंड साल हो सकता है।

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट जिसका शीर्षक ‘रियल एस्टेट आउटलुक 2022’ है, के मुताबिक 2022 में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में अच्छी ग्रोथ के संकेत मिल रहे हैं। एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में जनवरी-सितंबर के बीच 7 शीर्ष भारतीय शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे में 1.63 लाख नए आवासीय घर बने जो पूरे साल 2020 के मुकाबले 27% अधिक है। इसी दौरान इन शहरों में 1.45 घर बिके, जो 2020 के पूरे साल की तुलना में 5% अधिक हैं। वहीं वाणिज्यिक श्रेणी में, CBRE रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान ऑफिस लीजिंग गतिविधियों में अप्रैल-जून की तुलना में 140% की वृद्धि हुई और यह 1.35 करोड़ फुट तक पहुंच गई।

विशेषज्ञ जहां आवासीय श्रेणी में स्थितियों में आए सुधार का श्रेय कोविड के दौर में मिली ब्याज दरों की छूट और बड़े घरों की मांग में बढ़ोतरी को दे रहे हैं, वहीं वाणिज्यिक श्रेणी में ऑफिस गतिविधियों में जबर्दस्त बढोतरी का कारण सरकारी नीतियों, कंपनियों की विस्तार योजनाओं और बिजनेस के तौर-तरीकों में नए और उभरते हुए रुझानों को दिया जा रहा है।

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