Get App

Union Budget 2023 : कर्ज मिलने में आसानी, कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता...से रफ्तार पकड़ सकता है MSME सेक्टर

Union Budget 2023: MSME सेक्टर को बढ़ावा देने से इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा। कुल एक्सपोर्ट में एमएसएमई की हिस्सेदारी 48 फीसदी है। ऐसे में उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारम यूनियन बजट में इस सेक्टर के लिए बड़े ऐलान कर सकती हैं

Parijat Sinhaअपडेटेड Dec 21, 2022 पर 3:38 PM
Union Budget 2023 : कर्ज मिलने में आसानी, कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता...से रफ्तार पकड़ सकता है MSME सेक्टर
सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए एमएसएमई सेक्टर के लिए 21,422 करोड़ रुपये का आवंटन बजट में किया था।

Union Budget 2023: इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सबसे पहले MSME सेक्टर को बढ़ावा देना होगा। देश में करीब 6 करोड़ से भी अधिक एमएसएमई इकाइयां हैं। यह सेक्टर करीब 11 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है । इंडिया के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में एमएसएमई सेक्टर की हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है। कुल निर्यात (Export) में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 48 फीसदी है। इसलिए इस सेक्टर पर फोकस बढ़ाने से न सिर्फ इकोनॉमी की रफ्तार बढ़ेगी बल्कि एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा। उम्मीद है कि फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस सेक्टर के लिए बड़े एलान अगले यूनियन बजट (Budget 2023) में करेंगी। वित्त मंत्री 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट पेश करने जा रही हैं।

धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है MSME सेक्टर

एमएसएमई सेक्टर ने फाइनेंस मिनिस्टर को बजट से लेकर अपनी उम्मीदों के बारे में बताया है। Association of Indian Entrepreneur (AIE) को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस सेक्टर की दिक्कतों को दूर करने के लिए बजट में कदम उठाएंगी। समय पर सही मूल्य पर कच्चे माल का न मिलना एमएसएमई सेक्टर के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके अलावा वर्किंग कैपिटल के मामले में भी उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। एमएसएमई उन सेक्टर में शामिल है, जिन पर कोरोना की महामारी की सबसे ज्यादा मार पड़ी थी। अब यह सेक्टर धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें