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Union Budget 2023: क्यों सिर्फ साल के अंत में नहीं बल्कि पूरे साल ELSS में इनवेस्ट करना जरूरी है?

Union Budget 2023: फाइनेंशियल ईयर 2014-15 में सेक्शन 80सी की लिमिट एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई थी। इसके बाद ELSS की बिक्री में जबर्दस्त उछाल देखने को मिला था। अगर यूनियन बजट 2023 में सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़ाई जाती है तो ELSS में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी और बढ़ेगी

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jan 07, 2023 पर 10:49 AM
Union Budget 2023: क्यों सिर्फ साल के अंत में नहीं बल्कि पूरे साल ELSS में इनवेस्ट करना जरूरी है?
ईएलएसएस कैटेगरी का टोटल Asset Under Management (AUM) 1.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल AUM का करीब 4 फीसदी है।

आशीष पटेल

Union Budget 2023: फाइनेंशियल ईयर 2005 से फाइनेंशियल ईयर 2014 के बीच इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में हुआ करीब 28 फीसदी इनवेस्टमेंट सिर्फ मार्च में हुआ। फाइनेंशियल ईयर 2013-14 से ट्रेंड में बदलाव देखने को मिला है। अब फाइनेंशियल ईयर के अंतिम तीन महीनों में यह इनवेस्टमेंट हो रहा है। दरअसल, हर साल मार्च में टैक्स-सेविंग फंड्स में इनवेस्टमेंट बढ़ जाता है, क्योंकि फाइनेंशियल खत्म हो रहा होता है। यह मजेदार बात है कि ELSS में 50 फीसदी निवेश अंतिम तिमाही में होता है। अंतिम तिमाही की शुरुआत हो चुकी है। इसलिए ELSS के बारे में फिर से बात कर लेना ठीक रहेगा। इसे म्यूचुअल फंड्स की टैक्स सेविंग्स स्कीम भी कहा जाता है।

सेक्शन 80सी लिमिट बढ़ाने से बढ़ेगा ELSS में निवेश

इंडिया में सेविंग्स में लोगों की दिलचस्पी रही है। लोग खासकर टैक्स एग्जेम्प्शंस वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन में ज्यादा इंटरेस्ट दिखाते हैं। ईएलएसएस कैटेगरी का टोटल Asset Under Management (AUM) 1.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल AUM का करीब 4 फीसदी है। 31 अक्टूबर को ELSS की कुल संख्या 40 थी। इनका AUM 1.44 लाख करोड़ रुपये था।

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