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Trump Reciprocal Tariff: ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से क्या इंडियन कंपनियों को बड़ा फायदा होने जा रहा है?

Donald Trump Reciprocal Tariff: अमेरिका ने 180 देशों पर 10 से लेकर 49 फीसदी तक टैरिफ लगाया है। अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर इंडिया के 52 फीसदी टैरिफ के जवाब में अमेरिका ने इंडिया पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। चीन पर ट्रंप ने 34 फीसदी टैरिफ लगाया है। पहले से वह चीन के प्रोडक्ट्स पर 20 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Apr 04, 2025 पर 12:49 PM
Trump Reciprocal Tariff: ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से क्या इंडियन कंपनियों को बड़ा फायदा होने जा रहा है?
इंडिया की GDP में एक्सपोर्ट की करीब 12 फीसदी हिस्सेदारी है। इससे अमेरिकी एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी सिर्फ 2 फीसदी है।

डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका को महान बनाने का वादा किया था। हालांकि, इसका मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग था। ट्रंप के लिए इसका मतलब अमेरिका को मैन्युफैक्चरिंग आधारित इकोनॉमी पर है। इसके लिए उन्होंने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे दूसरे देशों के गुड्स अमेरिकी मार्केट में महंगे हो जाएंगे। इससे उनकी बिक्री घटेगी जिससे अमेरिका को एक्सपोर्ट करने में विदेशी कंपनियों की दिलचस्पी घटेगी। ट्रंप ने कुछ मिनरल्स, फार्मा और कुछ दूसरे सेक्टर्स को रेसिप्रोकल टैरिफ से बाहर रखा है।

ट्रंप का मकसद पूरा होने की उम्मीद कम

अमेरिका ने 180 देशों पर 10 से लेकर 49 फीसदी तक टैरिफ (Reciprocal Tariff) लगाया है। अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर इंडिया के 52 फीसदी टैरिफ के जवाब में अमेरिका ने इंडिया पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। चीन पर ट्रंप ने 34 फीसदी टैरिफ लगाया है। पहले से वह चीन के प्रोडक्ट्स पर 20 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं। इससे चाइनीज प्रोडक्ट्स पर कुल अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 54 फीसदी हो गया है। अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ का बड़ा असर पड़ने जा रहा है। लेकिन, खास बात यह है कि इससे प्रॉब्लम का समाधान निकलता नहीं दिख रहा। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को पहले काफी ज्यादा निवेश करना पड़ता है। उसके बाद कंपनियों के मुनाफे में आने में लंबा समय लग जाता है। ऐसे में ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से अमेरिका के जल्द मैन्युफैक्चरिंग का हब बन जाने की उम्मीद कम है।

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