संकटों से जूझ रही एयरलाइन पर गो फर्स्ट (Go First) पर विभिन्न बैंकों और संस्थाओं का करीब 6,000 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसी स्थिति में एयरलाइन को अतिरिक्त पैसा देने का फैसला लेने से पहले लेंडर्स ने 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपना ली है। एक शीर्ष बैंकर ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। बैंकर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "फिलहाल, यथास्थिति जारी है। एयरलाइन के कारोबार को लेकर अनिश्चितता और दिवालिया कार्यवाही की शुरुआत के चलते मुझे लगता है कि बैंक इस मोड़ पर और फंडिंग मुहैया कराने के पक्ष में नहीं है।"