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नेक्स्ट जेनरेशन GST साबित हो सकता है गेमचेंजर, 2047 तक सिंगल टैक्स स्लैब का खोल सकता है रास्ता

Next Gen GST: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त की सुबह लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए दिवाली तक अगली पीढ़ी के GST सुधार लागू करने की घोषणा की थी। केंद्र का प्रस्ताव तीन पॉइंट्स- संरचनात्मक सुधार, दरों को तर्कसंकत बनाने और जीवन को आसान बनाने पर बेस्ड है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Aug 16, 2025 पर 11:15 PM
नेक्स्ट जेनरेशन GST साबित हो सकता है गेमचेंजर, 2047 तक सिंगल टैक्स स्लैब का खोल सकता है रास्ता
GST रेट्स में कटौती से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली चीजें सस्ती हो जाने की बात कही जा रही है।

GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) सिस्टम में बड़ा बदलाव होने वाला है। इस साल दिवाली तक GST रेट्स को मौजूदा 4 स्लैब्स से घटाकर केवल 2 स्लैब तक सीमित करने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने रिवाइज्ड GST व्यवस्था के तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की 2 दरों का प्रस्ताव रखा है, यानि कि 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब खत्म हो जाएंगे। साथ ही लग्जरी थिंग्स और नुकसानदेह चीजों (Sin Goods) पर 40 प्रतिशत की विशेष दर का प्रस्ताव है।

GST रेट्स में कटौती से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली चीजें सस्ती हो जाने की बात कही जा रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने GST में प्रस्तावित सुधारों को 'अगली पीढ़ी का GST' (नेक्स्ट जेनरेशन GST) बताया है। उनका कहना है कि 2 स्लैब वाली टैक्स व्यवस्था आगे चलकर सिंगल सेल्स/सर्विसेज टैक्स रेट का रास्ता खोलेगी। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि 2047 तक GST के तहत सिंगल टैक्स स्लैब हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित नई GST व्यवस्था अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और टैरिफ के खतरों को भी कम करने में मदद करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली GST परिषद की बैठक सितंबर में होने की उम्मीद है। इसमें दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री-समूह की सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह के साथ साझा किया गया केंद्र का प्रस्ताव तीन पॉइंट्स- संरचनात्मक सुधार, दरों को तर्कसंकत बनाने और जीवन को आसान बनाने पर बेस्ड है।

अधिकारी का कहना है, "हमने मिडिल क्लास, गरीबों, किसानों और MSMEs की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 'नेक्स्ट जेनरेशन GST' का सुझाव दिया है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि रोजमर्रा की जरूरतों पर टैक्स कम हो। एक बार जब यह व्यवस्था लागू हो जाएगी और भारत एक विकसित देश बन जाएगा, तो हम सिंगल टैक्स स्लैब वाले GST के बारे में सोच सकते हैं।" आगे कहा कि सिंगल टैक्स रेट वाला ढांचा उन विकसित देशों के लिए उपयुक्त है, जहां आय और खर्च की क्षमता एक समान है। अंतिम लक्ष्य सिंगल स्लैब ढांचे की ओर बढ़ना है।" लेकिन अभी इसके लिए सही समय नहीं है।

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