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PhonePe के निवेशकों पर 8000 करोड़ की टैक्स देनदारी, भारत शिफ्ट होने के नियमों से सीईओ ने जताई निराशा

दिग्गज फिनटेक फर्म फोनपे (PhonePe) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। इसकी तैयारियों के तहत कंपनी ने अपना मुख्यालय भारत शिफ्ट कर लिया है। सिंगापुर से भारत आने की इस शिफ्टिंग प्रोसेस में कंपनी पर करीब 8000 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनी है। यह जानकारी फोनपे के को-फाउंडर और सीईओ समीर निगम ने दी है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 25, 2023 पर 4:00 PM
PhonePe के निवेशकों पर 8000 करोड़ की टैक्स देनदारी, भारत शिफ्ट होने के नियमों से सीईओ ने जताई निराशा
PhonePe ने पिछले हफ्ते 35 करोड़ डॉलर का बड़ा फंड जुटाया था जिसके बाद यह देश की सबसे अधिक वैल्यू वाली फिनटेक कंपनी बन गई। इसने 1200 करोड़ डॉलर की वैल्यू पर जनरल अटलांटिक से यह फंड जुटाया था।

दिग्गज फिनटेक फर्म फोनपे (PhonePe) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। इसकी तैयारियों के तहत कंपनी ने अपना मुख्यालय भारत शिफ्ट कर लिया है। सिंगापुर से भारत आने की इस शिफ्टिंग प्रोसेस में कंपनी पर करीब 8000 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनी है। यह जानकारी फोनपे के को-फाउंडर और सीईओ समीर निगम ने दी है। कंपनी के पहले यूट्यूब लाइव सेशन के दौरान आज समीर ने कहा कि जब आप किसी और देश से भारत पूरी तरह से शिफ्ट होते हैं तो मौजूदा निवेशकों के लिए इसे कैपिटल गेन्स इवेंट के तौर पर लिया जाता है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दूसरे देश से यहां आने पर मार्केट वैल्यूएशन को एडजस्ट किया जाता है। फोनपे ने पिछले हफ्ते 35 करोड़ डॉलर का बड़ा फंड जुटाया था जिसके बाद यह देश की सबसे अधिक वैल्यू वाली फिनटेक कंपनी बन गई। इसने 1200 करोड़ डॉलर की वैल्यू पर जनरल अटलांटिक से यह फंड जुटाया था।

भारत शिफ्ट होने में हैं बड़ी दिक्कतें

पिछले साल अक्टूबर 2022 में सिंगापुर से भारत डोमेसाइल शिफ्ट करने की प्रक्रिया पूरी होने का ऐलान किया था। हालांकि उनका कहना है कि डोमेसाइल को भारत शिफ्ट करने में स्टार्टअप्स के सामने बहुत चुनौतियां हैं। स्टार्टअप्स को शुरुआत में घाटा होता रहता है और जब मुनाफा होता है तो इसे घाटे से एडजस्ट किया जाता है ताकि टैक्स बचाया जा सके। हालांकि जब भारत में डोमेसाइल शिफ्ट किया जाता है तो और घाटा होता है।

फोनपे के उदाहरण से समझें तो इसे अब तक जितना घाटा हुआ है, उसमें से 90 करोड़ डॉलर भारत शिफ्ट होने पर रीस्ट्रक्चरिंग इवेंट में खोना पड़ा यानी इसे प्रॉफिट से एजडस्ट नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा एक और दिक्कत ईएसओपी वेस्टिंग प्लान के जीरो होने को लेकर है। समीर के मुताबिक ये स्टार्टअप्स को भारत लौटने को हतोत्साहित करने वाले प्रावधान हैं। उनका दावा है कि अगर यह नियमों में ढील दी जाती है तो कम से कम मौजूदा यूनिकॉर्न भारत शिफ्ट होने के लिए तैयार हैं।

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