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Paytm Payments Bank पर कार्रवाई इकोनॉमी और कंज्यूमर्स के हित में: जोशी

फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी का कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ रिजर्व बैंक की हालिया कार्रवाई उपभोक्ताओं और भारतीय अर्थव्यवस्था के हित में है। मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में जोशी ने कहा कि यह मामला केंद्रीय बैंक और कंपनी के बीच है और इसका निपटारा भी इसी लेवल पर होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 07, 2024 पर 8:45 PM
Paytm Payments Bank पर कार्रवाई इकोनॉमी और कंज्यूमर्स के हित में: जोशी
फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी जोशी का कहना है कि यह काफी छोटा बैंक है और इसको लेकर किसी तरह के जोखिम की आशंका नहीं है।

फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी (Vivek Joshi) का कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) के खिलाफ रिजर्व बैंक की हालिया कार्रवाई उपभोक्ताओं और भारतीय अर्थव्यवस्था के हित में है। मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को दिए इंटरव्यू में जोशी ने कहा कि यह मामला केंद्रीय बैंक और कंपनी के बीच है और इसका निपटारा भी इसी लेवल पर होगा।

जोशी ने कहा, 'पेटीएम के बारे में मैं क्या कह सकता हूं। यह कार्रवाई बैंकिंग रेगुलेटर द्वारा की गई है। इसके पास बैंकों के रेगुलेशन की जिम्मेदारी है। पेटीएम पर की गई कार्रवाई का सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक ने निश्चित तौर पर यह फैसला उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था के हित में लिया होगा।' जोशी की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) इस मामले को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात कर चुके हैं। इस बैठक में जोशी भी मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने बैठक के बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया।

उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्री के साथ शर्मा की हुई बैठक में मैं भी मौजूद था। हालांकि, बैठक के बारे में मैं कुछ भी नहीं बता सकता, क्योंकि यह उचित नहीं होगा। मामले का सार यह है कि पेटीएम को इस मामले में रेगुलेटर से ही निपटना होगा।' यह पूछे जाने पर कि क्या इस कार्रवाई की वजह से वित्तीय स्थिरता को लेकर भी चिंताएं पैदा हुई हैं, जोशी का कहना था कि यह काफी छोटा बैंक है और इसको लेकर सामान्य तौर पर किसी जोखिम की आशंका नहीं है।

रिजर्व बैंक ने 31 जनवरी को अपने आदेश में पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 29 फरवरी से क्रेडिट ट्रांजैक्शन के साथ-साथ फ्रेश डिपॉजिट स्वीकार करने पर रोक लगा दी थी। इस मामले में एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की जांच को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने साफ किया था कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।

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