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Byju’s Insolvency: NCLAT से रिजू रवींद्रन को झटका, CoC की ओर से ₹158 करोड़ के BCCI-Byju’s सेटलमेंट के रिव्यू पर नहीं लगेगी रोक

CoC वित्तीय लेनदारों का एक समूह है, जो इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स के दौरान किसी कंपनी को रिप्रेजेंट करती है और उसके लिए फैसला लेती है। 10 फरवरी को NCLT ने समझौते के माध्यम से Byju’s के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की कार्यवाही बंद करने से इनकार कर दिया। साथ ही CoC को मामले पर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 20, 2025 पर 8:18 AM
Byju’s Insolvency: NCLAT से रिजू रवींद्रन को झटका, CoC की ओर से ₹158 करोड़ के BCCI-Byju’s सेटलमेंट के रिव्यू पर नहीं लगेगी रोक
NCLT ने BCCI को CoC के सामने 158 करोड़ रुपये की सेटलमेंट याचिका पेश करने का निर्देश दिया था।

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) चेन्नई ने संकटग्रस्त एडटेक फर्म Byju’s के डायरेक्टर रिजू रवींद्रन को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। रिजू ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ अपने 158 करोड़ रुपये के समझौते को स्टार्टअप के लेनदारों की समिति (CoC) के दायरे से बाहर रखने की मांग की थी। NCLAT ने इस समझौते पर विचार करने या उसे खारिज करने को लेकर CoC पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

रिजू, Byju’s फाउंडर बायजू रवींद्रन के छोटे भाई हैं। 10 फरवरी को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु पीठ ने समझौते के माध्यम से Byju’s के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की कार्यवाही बंद करने से इनकार कर दिया। साथ ही CoC को मामले पर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया। NCLT ने BCCI को CoC के सामने 158 करोड़ रुपये की सेटलमेंट याचिका पेश करने का निर्देश दिया था।

CoC वित्तीय लेनदारों का एक समूह है, जो इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स के दौरान किसी कंपनी को रिप्रेजेंट करती है और उसके लिए फैसला लेती है। रिजू ने NCLAT के सामने तर्क दिया कि CoC के गठन से पहले BCCI के साथ समझौता अंतिम रूप ले चुका था। NCLAT अब 3 मार्च को रिजू की याचिका पर सुनवाई करेगा।

BCCI ने शुरू किया था इनसॉल्वेंसी केस

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