यह फीस उन सभी ग्राहकों पर लागू होगी, जो एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म पर ट्रांजैक्शन करते हैं। इन प्लेटफॉर्म में रैपिडो, डंजो, जेप्टो, पोर्टर, नम्मा यात्री और कई अन्य फर्में शामिल हैं। इन फंडों का इस्तेमाल डिलीवरी स्टाफ से जुड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में किया जाएगा। राइड शेयरिंग, फूड और ग्रोसरी डिलीवरी, लॉजिस्टिक्स, ई-मार्केटप्लेस, प्रोफेशनल सर्विसेज, हेल्थकेयर, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी कॉन्टेंट, मीडिया सर्विसेज और अन्य सेवाएं मुहैया कराने वाले एग्रीगेटर्स इस बिल के दायरे में होंगे। लेबर डिपार्टमेंट के सूत्रों ने बताया कि24 अक्टूबर को राज्य सरकार की होने वाली कैबिनेट बैठक में इस बिल पर विचार हो सकता है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जा सकता है।