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29 साल के दिलखुश को लोग 'स्टार्टअप किंग ऑफ बिहार' के नाम से जानते हैं, उनकी कहानी आपका दिल खुश कर देगी

दिलखुश आज आईआईटी और आईआईएम ग्रेजुएट्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन, कुछ साल पहले वह पटना की सड़कों पर सब्जियां बेचने का काम करते थे। उन्होने दिल्ली में रिक्शा तक चलाया है। आज वह RoadBez के सीईओ हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 07, 2023 पर 11:50 PM
29 साल के दिलखुश को लोग 'स्टार्टअप किंग ऑफ बिहार' के नाम से जानते हैं, उनकी कहानी आपका दिल खुश कर देगी
रोडबेज के सीईओ का प्लान बहुत बड़ा है। वह केरल से लेकर कश्मीर तक के लोगों को अपने ऐप की सेवाएं उपलब्ध कराना चाहते हैं। रोडबेज की शुरुआत मई 2022 में हुई थी।

आपने स्टार्टअप्स की सफलता (Success Stories of Startups) की कई कहानियां सुनी होगी। आज हम आपको ऐसी कहानी के बारे में बता रहे हैं, जिसने एक छोटे शहर में जन्म लिया। यह स्टार्टअप्स छोटे शहरों के लिए है। हम बात कर रहे हैं दिलखुश कुमार का। दिलखुश बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने एक कंपनी बनाई है, जिसका नाम Rodbez है। यह कंपनी क्या करती है, दिलखुश कितना पढ़ेलिखे हैं, उनका फ्यूचर प्लान क्या है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं। दिलखुश की कहानी छोटे शहरों के उन लाखों युवाओं को प्रेरित कर सकती है, जो यह सोचते हैं कि सफलता खासकर कारोबार में कामयाबी का कहानियां सिर्फ बड़े शहरों में जन्म लेती हैं।

क्या है Rodbez?

दिलखुश ने उबर जैसी सर्विस शुरू की है। यह छोटे शहरों के ग्राहकों के लिए है। 29 साल के दिलखुश की कहानी बहुत दिलचस्प है। करीब सात-आठ पहले वह पटना की सड़कों पर सब्जियां बेचा करते थे। उन्होंने दिल्ली में रिक्शा तक चलाया है। अब वह RodBez के सीईओ हैं। उन्होंने इस ऐप को तैयार किया है। आज वह आईआईटी और आईआईएम ग्रेजुएट्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उनके स्टार्टअप के नाम को लेकर भी मजेदार कहानी है। दरअसल, रोडवेज का उच्चारण अक्सर बिहार में रहने वाले लोग रोडबेज करते हैं। यहीं से इस स्टार्टअप का नाम RodBez रखने का आइडिया दिलखुश को आया।

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