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Swiggy News: इंस्टामार्ट से ऑर्डर करना होगा महंगा, फूड डिलीवरी पर पहले ही दोगुना हो चुका है डिलीवरी चार्ज

Swiggy News: स्विगी लगातार फूड डिलीवरी के ऑर्डर्स पर प्लेटफॉर्म फीस बढ़ा रही है। स्विग्गी ने अप्रैल 2023 में हर ऑर्डर पर 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस वसूलना शुरू किया। यह चार्ज हर ऑर्डर साइज और कस्टमर प्रोफाइल के लिए था। इसके बाद करीब 18 महीने में प्लेटफॉर्म फीस 5 गुना बढ़कर 2 रुपये से 10 रुपये पर पहुंच चुका है। अब इंस्टामार्ट की बारी है। जानिए यह कब होगा और क्यों इसे बढ़ाने का प्लान है?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 04, 2024 पर 12:08 PM
Swiggy News: इंस्टामार्ट से ऑर्डर करना होगा महंगा, फूड डिलीवरी पर पहले ही दोगुना हो चुका है डिलीवरी चार्ज
Swiggy News: फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म इंस्टामार्ट से डिलीवरी अब महंगी होने वाली है।

Swiggy News: फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म इंस्टामार्ट से डिलीवरी अब महंगी होने वाली है। कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) राहुल बोथरा (Rahul Bothra) ने 3 दिसंबर को सितंबर तिमाही के ऐलान के बाद एनालिस्ट्स से ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि यूनिट प्रॉफिट प्रोफाइल को सुधारने के लिए इंस्टामार्ट की डिलीवरी फीस बढ़ाई जा सकती है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह बदलाव कब होगा। अभी की बात करें तो सिर्फ लॉयल्टी प्रोग्राम स्विगी वन (Swiggy One) के तहत ही डिलीवरी फ्री है और बाकी यूजर्स को फीस देनी होती है जिसमें उतार-चढ़ाव होता है।

इसकी तुलना जोमैटो (Zomato) की क्विक कॉमर्स इकाई ब्लिंकिट (Blinkit) से करें तो यहां कोई लॉयल्टी प्रोग्राम नहीं है। वहीं एक और क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो पर जेप्टो पास (Zepto Pass) यूजर्स को फ्री डिलीवरी मिलता है।

इस स्ट्रैटेजी से कमीशन बढ़ाने की योजना

राहुल ने इंस्टामार्ट पर डिलीवरी चार्जेज बढ़ाने की योजना के बारे में उन सवालों पर दिया जिसमें पूछा गया था कि इंस्टामार्ट बिजनेस से टेक रेट या कमीशन को मौजूदा 15 फीसदी से सुधारकर 20-22 फीसदी तक ले जाने के लिए क्या योजना है। राहुल ने यह भी कहा कि इसके अलावा प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों को मोनेटाइज करके भी मार्जिन में सुधार आएगा। इंस्टामार्ट स्विगी की काफी अहम इकाई है जिसका सितंबर 2024 तिमाही में एडजस्टेड रेवेन्यू 513 करोड़ रुपये का था जबकि पिछले साल की समान तिमाही में इसे 240 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था। वहीं ब्लिंकिट को 1156 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था। स्विगी का रेवेन्यू सालाना आधार पर सितंबर तिमाही में 30 फीसदी बढ़कर 3,601.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

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