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...जब रतन टाटा ने फोन पर बोला, क्या हम मिल सकते हैं?', कैसे एक फोन कॉल ने बदल दी Repos Energy की तकदीर

Ratan Tata के निवेश वाली मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रेपोस एनर्जी (Repos Energy) ने हाल ही में एक 'मोबाइल इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल' लॉन्च किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 09, 2022 पर 12:12 PM
...जब रतन टाटा ने फोन पर बोला, क्या हम मिल सकते हैं?', कैसे एक फोन कॉल ने बदल दी Repos Energy की तकदीर
Repos Energy के फाउंडर्स चेतन वालुंज और अदिति भोसले वलुंज के साथ रतन टाटा (फोटो क्रेडिट: अदिति भोसले वालुंज/लिंक्डइन)

उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) के निवेश वाली मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रेपोस एनर्जी (Repos Energy) ने हाल ही में ऑर्गेनिक कचरे से संचालित एक 'मोबाइल इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल' लॉन्च किया है। रेपोस एनर्जी के फाउंडर्स ने अब अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे रतन टाटा के एक फोन कॉल ने उनकी किस्मत बदल दी।

रेपोस एनर्जी को कुछ साल पहले अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने शुरू किया था। कंपनी शुरू करने के कुछ समय ही बाद ही उन्हें एहसास उन्हें इसे आगे बढ़ाने के लिए किसी मेंटर की जरूरत है और वह मेंटर ऐसा है जिसने पहले भी इस दिशा में काम किया हो। उस समय दोनों फाउंडर्स के दिमाग में जिस एक शख्स का नाम आया, वे टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा थे।

अदिति भोसले वालुंज ने इसके बाद रतन टाटा से मिलने का सुझाव दिया, लेकिन चेतन ने उन्हें तुरंत ही टोकते हुए कहा, 'अदित वह कोई हमारे पड़ोसी नहीं है, जिससे तुम जब कहो और हम मिलने चले जाएं।' हालांकि अदिति ने रतन टाटा से मिलने की आस नहीं छोड़ी।

अदिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर लिखे एक पोस्ट में कहा, "हम दोनों ने बिजनेस की कोई औपचारिक पढ़ाई नहीं की थी, लेकिन हमने अपने जीवन में बहुत पहले ही एक बात सीख ली थी कि- कोई भी बहाना एक नींव का काम करता है, जिसके ऊपर वह शख्स असफलता का घर बनाता है।"

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