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2023 में 100 भारतीय स्टार्टअप्स में गईं 24000 से ज्यादा नौकरियां, 7 साल के निचले स्तर पर पहुंची फंडिंग

साल 2022 में स्टार्टअप्स ने निवेशकों से लगभग 25 अरब डॉलर हासिल किए थे। वित्तीय बाधाओं और प्रॉफिटेबिलिटी के लिए निवेशकों के दबाव के कारण, विभिन्न इंडस्ट्रीज में स्टार्टअप्स ने खर्च को नियंत्रित करने के लिए वर्कफोर्स में कटौती की। पिछले साल बड़े स्टार्टअप्स ने तो छंटनी की, साथ ही छोटे से लेकर मध्यम आकार के कुछ स्टार्टअप को कामकाज बंद करना पड़ा

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 19, 2024 पर 4:56 PM
2023 में 100 भारतीय स्टार्टअप्स में गईं 24000 से ज्यादा नौकरियां, 7 साल के निचले स्तर पर पहुंची फंडिंग
2023 में स्टार्टअप फंडिंग में बड़ी कमी देखी गई।

Layoffs: पूरे साल 2023 में 100 या इससे भी ज्यादा भारतीय स्टार्टअप्स ने 24000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में मार्केट रिसर्च फर्म TheKredible के डेटा के हवाले से यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय बाधाओं और प्रॉफिटेबिलिटी के लिए निवेशकों के दबाव के कारण, विभिन्न इंडस्ट्रीज में स्टार्टअप्स ने खर्च को नियंत्रित करने के लिए वर्कफोर्स में कटौती की। शेयरचैट, स्विगी, अनएकेडमी, Byju’s जैसे यूनिकॉर्न्स ने सबसे अधिक संख्या में कर्मचारियों को बर्खास्त किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में स्टार्टअप फंडिंग में बड़ी कमी देखी गई। फंडिंग 7 साल के निचले स्तर 8.2 अरब डॉलर पर आ गई। वहीं साल 2022 में स्टार्टअप्स ने निवेशकों से लगभग 25 अरब डॉलर हासिल किए थे।

10 से ज्यादा स्टार्टअप हो गए बंद

पिछले साल बड़े स्टार्टअप्स ने तो छंटनी की, साथ ही छोटे से लेकर मध्यम आकार के कुछ स्टार्टअप को कामकाज बंद करना पड़ा। इससे बर्खास्त हुए कर्मचारियों की संख्या और बढ़ गई। आंकड़ों से पता चला कि 2023 में 10 से अधिक स्टार्टअप बंद हो गए। स्टार्टअप्स अपने विस्तार के लिए आम तौर पर बाहरी निवेश पर निर्भर होते हैं। ऐसे में फंडिंग की कमी के चलते छोटे स्टार्टअप्स के सामने अपने संचालन को बरकरार रखने को लेकर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। इसके अलावा नियामकीय बाधाएं भी चुनौतियां बढ़ा रही हैं।

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