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'Zerodha के पास एड के लिए नहीं थे पैसे...', CEO नितिन कामत ने बताया शुरुआती दौर में कैसे आगे बढ़ा स्टार्टअप

नितिन कामत ने कहा कि Zerodha ने अपना रेफरल प्रोग्राम साल 2010 में शुरू किया था और तब से, नियमों के कारण रेफरल इंसेंटिव कई बार बदले हैं। आज के वक्त में इंसेंटिव ऑफर नहीं किया जाता है लेकिन फिर भी रेफरल कमोबेश स्थिर ही रहे हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Aug 22, 2025 पर 7:12 AM
'Zerodha के पास एड के लिए नहीं थे पैसे...', CEO नितिन कामत ने बताया शुरुआती दौर में कैसे आगे बढ़ा स्टार्टअप
Zerodha आज के टाइम में भारत की सबसे बड़ी स्टॉक ब्रोकरेज फर्म मानी जाती है।

जब ऑनलाइन ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जीरोधा (Zerodha) की शुरुआत हुई थी तो एडवर्टाइजमेंट नहीं किया गया था। इसकी वजह है कि एड करने के लिए पैसे ही नहीं थे। यह बात जीरोधा के को-फाउंडर और CEO नितिन कामत ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कही है। उन्होंने बताया कि बिना एड के जीरोधा कैसे आगे बढ़ी। जीरोधा आज के टाइम में भारत की सबसे बड़ी स्टॉक ब्रोकरेज फर्म मानी जाती है।

नितिन कामत ने X पर एक पोस्ट में लिखा, जब हमने जीरोधा ऑनलाइन की शुरुआत की थी, तब हमारे पास एडवर्टाइजमेंट करने के लिए पैसे नहीं थे। न ही यह निश्चित था कि यह वर्क करेगा। इसलिए हमारे आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका मुंहजुबानी प्रचार और ग्राहकों के रेफरल ही थे। और यही एकमात्र तरीका था कि हम ऐसे प्रोडक्ट और सर्विसेज पेश करें, कि ग्राहक उनके बारे में बात करें।'

कामत ने कहा कि हमने अपना रेफरल प्रोग्राम 2010 में शुरू किया था और तब से, नियमों के कारण रेफरल इंसेंटिव कई बार बदले हैं। जैसे कि 2018/19 में एक रेगुलेटरी बदलाव के कारण हमें रेफरल इंसेंटिव देने से मना कर दिया गया था।

रेफरल से जुड़ते हैं बड़ी संख्या में अकाउंट्स

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