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घाटे वाली इन तीन बीमा कंपनियों की सेहत सुधारेगी सरकार? वित्त मंत्रालय ने बनाया 3000 करोड़ का यह बड़ा प्लान

घाटे में चल रही तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार से बड़ी राहत मिल सकती है। वित्त मंत्रालय इन तीन जनरल इंश्योरेंस बीमा कंपनियों को अपना स्वास्थ्य सुधारने के लिए अतिरिक्त 3 हजार करोड़ रुपये का निवेश देने की योजना बना रही है। ऐसा नहीं है कि सरकार पहली बार ऐसा कर रही है। इससे पहले भी इन्हें सरकार से मदद मिल चुकी है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Apr 14, 2023 पर 9:07 PM
घाटे वाली इन तीन बीमा कंपनियों की सेहत सुधारेगी सरकार? वित्त मंत्रालय ने बनाया 3000 करोड़ का यह बड़ा प्लान
घाटे में चल रही तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2023-24 में वित्त मंत्रालय ऐसी आम बीमा कंपनियों को अपना स्वास्थ्य सुधारने के लिए अतिरिक्त 3 हजार करोड़ रुपये का निवेश देने की योजना बना रही है।

घाटे में चल रही तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2023-24 में वित्त मंत्रालय इन आम बीमा कंपनियों को अपना स्वास्थ्य सुधारने के लिए अतिरिक्त 3 हजार करोड़ रुपये का निवेश देने की योजना बना रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी प्राप्त हुई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इन तीनों बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ( National Insurance Company Limited-NICL), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (Oriental Insurance Company Limited- OICL) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company-UIIC) को अपना सॉल्वेंसी रेश्यो सुधारने और 150 फीसदी की नियामकीय जरूरतों को पूरा करने को कहा है।

सॉल्वेंसी रेश्यो का क्या है मसला

सॉल्वेंसी रेश्यो से यह पता चलता है कि कोई कंपनी अपनी लॉन्ग टर्म देनदारियों से निपटने में कितनी सक्षम है। यह अधिक है तो अच्छा माना जाता है और इससे पता चलता है कि कंपनी न सिर्फ अपनी देनदारियों से निपट लेगी बल्कि ग्रोथ की योजनाएं भी साकार कर सकेगी। वित्त वर्ष 2021-22 में न्यू इंडिया एश्योरेंस को छोड़कर तीनों सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के सॉल्वेंसी रेश्यो 150 फीसदी से नीचे रहे। नेशनल इंश्योरेंस के लिए यह 63 फीसदी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के लिए 15 फीसदी और यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी के लिए 51 फीसदी रहा।

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