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Trump Reciprocal Tariff: ट्रंप ने अपने ही पैर पर मारी कुल्हाड़ी, बड़े संकट में फंस सकती है अमेरिकी इकोनॉमी

Donald Trump Reciprocal Tariff: एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेसिप्रोकल से अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा तो वह खुद अमेरिका है। अमेरिका में इससे महंगाई फिर से सिर उठाना शुरू कर देगी। इकोनॉमी ग्रोथ की रफ्तार काफी सुस्त पड़ जाएगी। ऐसे में 2025 के अंत अमेरिकी इकोनॉमी मंदी में चली जाएगी

Rakesh Ranjanअपडेटेड Apr 03, 2025 पर 12:37 PM
Trump Reciprocal Tariff: ट्रंप ने अपने ही पैर पर मारी कुल्हाड़ी, बड़े संकट में फंस सकती है अमेरिकी इकोनॉमी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी इकोनॉमी इतनी बड़ी है कि इसके मंदी में जाने का मतलब है कि दुनिया की दूसरी इकोनॉमी के लिए भी संकट बढ़ जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान कर अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार ली है। रेसिप्रोकल टैरिफ का सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका को होगा। इससे अमेरिकी इंकोनॉमी के मंदी में जाने का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका इकोनॉमी का मंदी में जाना न सिर्फ अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया को बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। रोजनबर्ग रिसर्च के फाउंडर और प्रेसिडेंट डेविड रोजनबर्ग का मानना है कि 2025 के अंत तक अमेरिका मंदी में जा सकता है। रोजनबर्ग को वैश्विक अर्थव्यवस्था की व्यापक समझ है। वह मेरिल लिंच के चीफ इकोनॉमिस्ट रह चुके हैं।

अमेरिकी इकोनॉमी पहले से दबाव में

अमेरिकी इकोनॉमी पर पहले से ही दबाव के संकेत दिख रहे थे। एक महीना पहले रोजनबर्ग ने कहा था कि इस साल अमेरिका की ग्रोथ एक फीसदी से कम रह सकती है। 2 अप्रैल को ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद यह खतरा और बढ़ गया है। किसी देश की जीडीपी में लगातार दो तिमाही गिरावट का मतलब है कि वह मंदी में जा चुकी है। दूसरे एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि रेसिप्रोकल टैरिफ का अमेरिकी इकोनॉमी पर काफी खराब असर पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि दूसरे देश भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान करेंगे। इससे ग्लोबल ट्रेड पर काफी खराब असर पड़ेगा। यह पूरी दुनिया के लिए निगेटिव होगा।

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