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Vedanta vs Viceroy Research: वेदांता पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर का नया वार, सेमीकंडक्टर यूनिट को बताया 'शेल ट्रेडिंग ऑपरेशन'

Vedanta vs Viceroy Research: अमेरिकी शॉर्टर सेलर वायसराय रिसर्च ने वेदांता लिमिटेड पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं। वायसराय रिसर्च का दावा है कि वेदांता की सेमीकंडक्टर यूनिट असल में शेल ट्रेडिंग ऑपरेशन है। जानिए क्या है पूरा मामला और नए आरोपों पर वेदांता ग्रुप ने क्या कहा है।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Jul 20, 2025 पर 8:40 PM
Vedanta vs Viceroy Research: वेदांता पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर का नया वार, सेमीकंडक्टर यूनिट को बताया 'शेल ट्रेडिंग ऑपरेशन'
वेदांता ने अमेरिकी शॉट सेलर वायसराय रिसर्च के सभी दावों को आधारहीन बताया है।

Vedanta vs Viceroy Research: अमेरिकी शॉर्ट सेलर वायसराय रिसर्च (Viceroy Research) ने माइनिंग दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता ग्रुप पर एक और बड़ा आरोप लगाया है। रिसर्च फर्म का दावा है कि अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता ग्रुप की सेमीकंडक्टर यूनिट असल में कोई मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस नहीं, बल्कि एक 'शेल कमोडिटी ट्रेडिंग ऑपरेशन' थी। इसे जानबूझकर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) की कैटेगरी से बचाने के लिए डिजाइन किया गया। हालांकि, वेदांता ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।

ब्रांड फीस रेमिटेंस के लिए बनाई गई योजना?

Viceroy Research का दावा है कि वेदांता लिमिटेड की सब्सिडियरी Vedanta Semiconductors Pvt Ltd (VSPL) एक खास योजना का हिस्सा थी। इसके जरिए अप्रैल 2025 में वेदांता लिमिटेड ने अपनी पैरेंट कंपनी Vedanta Resources को ब्रांड फीस भेजी। वो भी उस समय, जब ग्रुप पर भारी लिक्विडिटी संकट मंडरा रहा था।

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