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इस साल दुनिया भर में मंदी की आशंका, लेकिन भारत को हो सकता है लाभ: WEF सर्वे

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के चीफ इकोनॉमिस्ट कम्युनिटी के अधिकतर लोगों का मानना है कि अमेरिका और यूरोप में आगे और सख्त मॉनिटरी पॉलिसी देखने को मिल सकती है। लगभग दो-तिहाई मुख्य इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि 2023 में ग्लोबल मंदी आने की आशंका है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 16, 2023 पर 6:34 PM
इस साल दुनिया भर में मंदी की आशंका, लेकिन भारत को हो सकता है लाभ: WEF सर्वे
सभी इकोनॉमिस्ट्स इस बात पर लगभग सहमत थे कि 2023 में ग्रोथ की संभावनाएं बेहद कम हैं

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने सोमवार को अपने चीफ इकोनॉमिस्ट आउटलुक सर्वे में कहा कि 2023 में ग्लोबल मंदी आने की आशंका है। इस दौरान खाने-पीने से जुड़ी वस्तुओं, एनर्जी और महंगाई को लेकर अपने दबाव चरम पर पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि इसी दौरान भारत और बांग्लादेश सहित दक्षिण एशिया की कुछ देशों को ग्लोबल इकोनॉमी के ट्रेंड्स से फायदा मिल सकता है। इन ट्रेंड्रस में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन में चीन में दबदबा कम होना शामिल है। WEF ने कहा कि दुनिया भर में कंपनियां आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी लागत में उल्लेखनीय कटौती करेंगी। हालांकि इसके साथ ही सर्वे में वे महंगाई और मजबूत बैंलेश-शीट को लेकर आशावादी बने हुए हैं।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के चीफ इकोनॉमिस्ट कम्युनिटी के अधिकतर लोगों का मानना है कि अमेरिका और यूरोप में आगे और सख्त मॉनिटरी पॉलिसी देखने को मिल सकती है। लगभग दो-तिहाई मुख्य इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि 2023 में ग्लोबल मंदी आने की आशंका है। इनमें से 18 प्रतिशत ने इसकी अत्यधिक संभावना जताई। यह आंकड़ा सितंबर 2022 में किए गए पिछले सर्वे की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।

वहीं सर्वे में शामिल एक तिहाई लोगों ने कहा कि इस साल ग्लोबल मंदी की आशंका नहीं है। हालांकि इस बात पर पूरी सहमति है कि 2023 में ग्रोथ की संभावनाएं बेहद कम हैं। खासतौर से यूरोप और अमेरिका में।

सर्वे में शामिल सभी मुख्य इकोनॉमिस्ट्स ने यूरोप में 2023 में कमजोर या बहुत कमजोर ग्रोथ की आशंका जताई। वहीं 91 प्रतिशत इकोनॉमिस्ट्स ने अमेरिका के बारे में ऐसी ही उम्मीद जताई।

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