वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने सोमवार को अपने चीफ इकोनॉमिस्ट आउटलुक सर्वे में कहा कि 2023 में ग्लोबल मंदी आने की आशंका है। इस दौरान खाने-पीने से जुड़ी वस्तुओं, एनर्जी और महंगाई को लेकर अपने दबाव चरम पर पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि इसी दौरान भारत और बांग्लादेश सहित दक्षिण एशिया की कुछ देशों को ग्लोबल इकोनॉमी के ट्रेंड्स से फायदा मिल सकता है। इन ट्रेंड्रस में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन में चीन में दबदबा कम होना शामिल है। WEF ने कहा कि दुनिया भर में कंपनियां आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी लागत में उल्लेखनीय कटौती करेंगी। हालांकि इसके साथ ही सर्वे में वे महंगाई और मजबूत बैंलेश-शीट को लेकर आशावादी बने हुए हैं।