Crude Oil: कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रही है। क्योंकि ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स में रिस्क-ऑन मूड का प्रभाव दिखाई दिया है। यूक्रेन पर शांति वार्ता में हुई प्रगति से बनने वाली संभावित सप्लाई बढ़ोतरी की चिंता पर असर डाला।

Crude Oil: कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रही है। क्योंकि ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स में रिस्क-ऑन मूड का प्रभाव दिखाई दिया है। यूक्रेन पर शांति वार्ता में हुई प्रगति से बनने वाली संभावित सप्लाई बढ़ोतरी की चिंता पर असर डाला।
वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट पिछले सेशन में 1% से ज़्यादा बढ़ने के बाद $59 प्रति बैरल के करीब रहा, जबकि ब्रेंट $63 से ऊपर बंद हुआ।
फेडरल रिजर्व से और रेट कट की उम्मीद के चलते सोमवार को इक्विटी और ज़्यादातर कमोडिटीज़ में तेज़ी आई। इस अच्छे मूड को और बढ़ाते हुए US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और चीनी काउंटरपार्ट शी जिनपिंग ने पिछले महीने टैरिफ़ पर सहमति जताने के बाद पहली बार बातचीत की।
बाजार में ओवरसप्लाई की बढ़ी चिंता
यूक्रेन पर ट्रंप ने अपने नए शांति प्रस्ताव पर बातचीत से मतभेद कम होने के बाद सीज़फ़ायर की संभावनाओं पर पॉज़िटिव बात कही। अगर आखिरकार कोई डील हो जाती है, तो US और दूसरे देश रूस के खिलाफ़ सेक्शन कम कर सकते हैं, जिससे पहले से ही तेल की ज़्यादा सप्लाई वाले मार्केट में तेल की सप्लाई बढ़ सकती है।
लगातार चौथे महीने सस्ता हो सकता है कच्चा तेल
इस साल क्रूड में गिरावट आई है, नवंबर में फ्यूचर्स में लगातार चौथे महीने गिरावट आने वाली है, जो 2023 के बाद सबसे लंबी गिरावट होगी। यह गिरावट बढ़ते ग्लोबल प्रोडक्शन को दिखाती है, जिसमें OPEC+ के साथ-साथ अलायंस के बाहर के देश भी बैरल जोड़ रहे हैं। ब्लूमबर्गNEF के अनुसार जुलाई के आखिर से क्रूड का स्टॉक 5 साल के एवरेज से ज़्यादा सरप्लस में है।
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