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Gold price today: ओमीक्रोन के डर के बावजूद सोने की कीमतों में गिरावट, रिकॉर्ड हाई से 8000 रुपये टूटा

MyGoldKart के विदित गर्ग (Vidit Garg) का कहना है कि यूएस फेड चेयरमैन के महंगाई और उससे निपटने के मुद्दे पर दिए गए बयान के बाद से ही गोल्ड की कीमतें संघर्ष करती नजर आ रही हैं।

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 02, 2021 पर 12:57 PM
Gold price today: ओमीक्रोन के डर के बावजूद सोने की कीमतों में गिरावट, रिकॉर्ड हाई से 8000 रुपये टूटा
ओमीक्रोन से जुड़ी अनिश्चितता के बावजूद ईटीएफ इन्वेस्टर साइडलाइन नजर आ रहे हैं। दूसरी का सबसे बड़ा गोल्ड आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड SPDR Gold Trust ने बताया है कि उसकी होल्डिंग मंगलवार की होल्डिंग से 0.2 फीसदी घटकर बुधवार को 990.82 टन पर आ गई।

कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट के डर के बावजूद भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों में कमजोरी देखने को मिल रही है। एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर 0.2 फीसदी की गिरावट के साथ 47,791 रुपये प्रति 10 ग्राम पर नजर आ रहा है। जो पिछले साल के 56,000 रुपये के रिकॉर्ड हाई से करीब 8000 रुपये नीचे है। इसी तरह सिल्वर फ्यूचर भी 61,296 रुपये प्रति किलोग्राम पर संघर्ष करता नजर आ रहा है।

ग्लोबल मार्केट में भी गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। डॉलर की मजबूती का असर सोने पर देखने को मिला है। हालांकि कोरोना के नए वायरस की वजह से फैले डर के कारण सोने की गिरावट सीमित रही है। स्पॉट गोल्ड 0.1 फीसदी की गिरावट के साथ 1,780.36 डॉलर प्रति औंस पर नजर आ रहा है । वहीं चांदी 0.3 फीसदी की बढ़त के साथ 22.37 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रही है।

फेड चेयरमैन Jerome Powell की तरफ से बॉन्ड बाईंग प्रोग्राम में जल्द ही कटौती के संकेत मिलने के बाद डॉलर इंडेक्स में मजबूती देखने को मिल रही है । डॉलर में मजबूती से गोल्ड की कास्ट को दूसरी करेंसियों में होल्ड करना महंगा हो गया है। जिसका असर गोल्ड पर देखने को मिल रहा है। उसके साथ ही राहत पैकेज में कटौती और ब्याज दरों में बढ़त से गवर्मेंट बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी की संभावनाएं हैं। जिससे ब्याज आधारित ना होने के कारण गोल्ड की अपार्च्यूनिटी कॉस्ट बढ़ रही है।

Kotak Securities के रविंद्र राव का कहना है कि सोना 1800 डॉलर प्रति औंस के ऊपर बने रहने के लिए संघर्ष करता नजर आ रहा है। कोरोना के नए वायरस से जुड़ी चिंता ने इसकी सेफ हेवन अपील को बढ़ाया तो है लेकिन दूसरी तरफ फेड की तरफ से मौद्रिक नीतियों में कड़ाई की उम्मीद ने सोने के ऊपर दबाव भी बनाया है। जिसके चलते आगे हमें गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

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