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वैश्विक स्तर पर सोने में दिसंबर 2024 के बाद दिखी सबसे बड़ी गिरावट, जरूरत से ज्यादा रैली ने जगाई चिंता

Gold Price: शुक्रवार की गिरावट के बावजूद सोने ने लगातार सातवें सप्ताह बढ़त दर्ज की। यह बढ़त का 2020 के बाद से सबसे लंबा सिलसिला है। वैश्विक स्तर पर सोने ने बीते मंगलवार को 2,942.68 डॉलर प्रति औंस का रिकॉर्ड हाई दर्ज किया। भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सेफ एसेट के तौर पर सोने में निवेश बढ़ रहा है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 17, 2025 पर 8:45 AM
वैश्विक स्तर पर सोने में दिसंबर 2024 के बाद दिखी सबसे बड़ी गिरावट, जरूरत से ज्यादा रैली ने जगाई चिंता
14-डे रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स ने दर्शाया कि सप्ताह की शुरुआत में सोना ओवरबॉट स्तरों पर पहुंच गया।

Gold Rate: वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में दिसंबर 2024 के बाद शुक्रवार को एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। गिरावट की वजह निवेशकों की यह चिंता रही कि सोने की हाल की रिकॉर्ड-तोड़ रैली शायद जरूरत से ज्यादा हो गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को 1.6% की गिरावट के बाद गोल्ड 2,886 डॉलर प्रति औंस के करीब कारोबार कर रहा था। 14-डे रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स ने दर्शाया कि सप्ताह की शुरुआत में सोना ओवरबॉट (Overbought) स्तरों पर पहुंच गया।

ओवरबॉट तब माना जाता है, जब कोई सिक्योरिटी या एसेट अपनी इंटर्नल या उचित वैल्यू की तुलना में अधिक पर ट्रेड कर रहा हो। ओवरबॉट ऐसी उम्मीद दर्शाता है कि मार्केट निकट भविष्य में कीमत करेक्ट करेगा। ट्रेडर्स फेडरल रिजर्व की इंट्रेस्ट रेट ट्राजेक्टरी के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के कारण बाजार में व्यवधान के जोखिम को भी स्टडी कर रहे हैं।

अटकलें बढ़ गई हैं कि टैरिफ धमकियों का इस्तेमाल मुख्य रूप से ट्रंप द्वारा बातचीत के साधन के रूप में किया जा रहा है। देरी और एक्सक्लूजंस के कारण उनके प्रशासन की टैरिफ नीतियां उलझी हुई हैं, भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सेफ एसेट के तौर पर सोने में निवेश बढ़ रहा है।

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