भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है। अपनी जरूरत का 80% से अधिक तेल यह आयात के जरिए हासिल करता है। इसका असर तेल की कीमतों पर भी दिखता है और देश के खजाने पर तो दिखता ही है। वैश्विक मार्केट में जब कच्चा तेल यानी क्रूड महंगा होता है तो घरेलू मार्केट में भी पेट्रोल और डीजल के महंगे होने की आशंका बढ़ जाती है। अब सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि तेल सस्ता हो सकता है। पेट्रोलियम सचिल पंकज जैन ने आज 12 सितंबर को कहा कि अगर वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें कुछ समय तक कम रहती हैं, तो भारत में तेल बेचने वाली कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने पर विचार कर सकती हैं। सीएनबीसी-आवाज से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि ऑयल मिनिस्ट्री विंडफॉल टैक्स को लेकर फाइनेंस मिनिस्ट्री से बात कर रही है और फिर डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इस पर निर्णायक फैसला लेगा।