भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर घर के महीने के खर्च को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। रसोई से लेकर ट्रांसपोर्ट और बाजार तक, हर जगह तेल की कीमत का असर नजर आता है। इसकी सबसे अहम वजह यह है कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 प्रतिशत कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है। जब भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं या डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है, तो देश में पेट्रोल और डीजल के दाम तुरंत बढ़ जाते हैं। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए टैक्स, रिफाइनिंग और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी इनकी कीमतों को तय करने में बड़ी भूमिका निभाता है।