एल्डरबेरी कोई नया सुपरफूड नहीं, बल्कि एक ऐसा औषधीय फल है जिसकी जड़ें हजारों साल पुरानी हैं। इसे 400 ईसा पूर्व से ही चिकित्सा में इस्तेमाल किया जा रहा है। ड़बेरी या सांवरा भी कहा जाता है। प्राचीन यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेटिस ने इसे अपना "प्राकृतिक औषधीय भंडार" कहा था, क्योंकि ये कई बीमारियों में राहत देने में कारगर माना जाता था। काले रंग की ये छोटी सी बेरी, जो आमतौर पर यूरोपीय ब्लैक एल्डर ट्री से मिलती है, आज भी अपनी औषधीय खूबियों के लिए मशहूर है। आधुनिक समय में ये खासतौर पर सिरप, चाय, टैबलेट और सप्लीमेंट्स के रूप में उपलब्ध है।