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Diabetes में असरदार है सफेद मूसली, बढ़ेगा इंसुलिन, कैंसर का जोखिम होगा कम

Diabetes: शुगर के मरीजों को बेहतर सेहत के लिए कई चीजें खाने की सलाह दी जाती है। उनमें से एक सफेद मूसली (White Musli) है। ये एक ऐसी जड़ी बूटी (Herb) है, जिसे कई बीमारियों का रामबाण इलाज समझा जाता है। अभी तक इसे लोग सिर्फ स्टेमिना बूस्ट करने वाला हर्ब्स मानते हैं। लेकिन इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 23, 2024 पर 7:15 AM
Diabetes में असरदार है सफेद मूसली, बढ़ेगा इंसुलिन, कैंसर का जोखिम होगा कम
Diabetes: सफेद मूसली के पौधे में कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में इसे दिव्य औषधि के नाम से जाना जाता है

ब्लड शुगर (Blood Sugar) को मेंटेन रखना डायबिटीज (Diabetes) में बहुत मुश्किल होता है। कई बार डायबिटीज ऐसी बिगड़नी शुरू होती है कि उसे कंट्रोल करने में इंसुलिन या दवा तक फेल होने लगती है। ऐसे में आज हम आपके लिए एक ऐसी सफेद जड़ी बूटी (White Herbs) का नाम बता रहे हैं जो अमृत बन सकती है। यह सफेद मूसली (White Musli) है। इसका जिक्र आयुर्वेद और विज्ञान में काफी किया जाता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। आमतौर पर मूसली को लोग यौन क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी मानते हैं। लेकिन मूसली के कई फायदे हैं। जिनके बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता है।

सफेद मूसली (White Musli) में मिनरल (Mineral), प्रोटीन (Protein), विटामिन (Vitamin), कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), पोटैशियम (Potassium), मैग्नीशियम (Magnesium), फाइबर (Fiber), सैपनिंस (Saponins), कैल्शियम (Calcium) जैसे अहम न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। एक रिसर्च में दावा किया गया है कि सफेद मुसली पाउडर से ब्लड शुगर को कम किया जा सकता है।

सफेद मूसली डायबिटीज में फायदेमंद

NCBI की रिपोर्ट के मुताबिक सफेद मूसली यानी Chlorophytum borivillianum टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है। रिसर्च में कहा गया है कि सफेद मूसली के पौधे में कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में इसे दिव्य औषधि के नाम से जाना जाता है। सफेद मूसली (White Musli) की जड़ में एंटी ऑक्सीडेंट (Anti Oxidant) गुण पाए जाते हैं। जिसे खाने से डायबिटीज के मरीजों को काफी फायदा मिलता है और उनका बल्ड शुगर लेवल भी कंट्रोल हो जाता है। इसके सेवन से इंसुलिन के स्तर में सुधार होता है। डॉक्टरों से पूछकर आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

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