पानी सिर्फ प्यास बुझाने का साधन नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य का मूल आधार है। ये शरीर को ऊर्जा देता, अंगों के कार्य को सुचारू रखता और रोगों से बचाने में मदद करता है। आयुर्वेद में पानी को सही बर्तन में पीने पर खास जोर दिया गया है, क्योंकि पानी जिस पात्र में रखा जाता है, उसी के गुणों को अपना लेता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, चांदी, तांबा, कांसा और पीतल जैसे धातुओं में रखा पानी शरीर को शुद्ध और संतुलित रखता है, जबकि प्लास्टिक, स्टील और लोहे जैसे बर्तनों में पानी पीना हानिकारक माना जाता है।