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Electoral Bonds Scheme पर लगी रोक, सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की बड़ी बातें

Electoral Bonds Scheme: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक घोषित कर दिया। पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया और SBI को आदेश भी दिया है कि जिन पार्टियों ने बॉन्ड भुनाया है, उनके नाम का खुलासा करे। चेक करें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अहम बातें क्या हैं?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 15, 2024 पर 1:20 PM
Electoral Bonds Scheme पर लगी रोक, सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की बड़ी बातें
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने Electoral Bonds Scheme को यह कहते हुए रद्द किया कि यह नागरिकों के सूचना के अधिकारों का उल्लंघन करता है।

Electoral Bonds Scheme: देश की सबसे बड़ी अदालत ने आज चुनावी बॉन्ड स्कीम पर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीमकोर्ट में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने आज इलेक्टोरल बॉन्ड पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया। उन्होंने यह फैसला इस स्कीम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनाया है। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के तहत राजनीतिक पार्टियों को अनजान लोगों से फंडिंग मिलने का प्रावधान था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस स्कीम को यह कहते हुए रद्द किया कि यह नागरिकों के सूचना के अधिकारों का उल्लंघन करता है। कोर्ट ने सर्वसम्मति से चुनावी बांड योजना को "असंवैधानिक" बताते हुए रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में क्या-क्या कहा, उसकी कुछ खास बातें यहां दी जा रही हैं।

Electoral Bonds Scheme पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी-बड़ी बातें

राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया के अहम हिस्से हैं और चुनावी विकल्पों के लिए राजनीतिक दलों के फंडिंग की जानकारी जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि गुमनाम चुनावी बांड योजना यानी बिना नाम का खुलासा किए राजनीतिक पार्टियों का चंदा हासिल करना अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।

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