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Farmer's Protest: शंभू बॉर्डर पर भारी बवाल! पुलिस ने किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले, वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल

Farmer's Protest: प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार (14 दिसंबर) दोपहर शंभू बॉर्डर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली के लिए अपना मार्च फिर से शुरू किया। किसानों का कहना है कि उन्हें कृषि मांगों के लिए कानूनी गारंटी पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार से कोई निमंत्रण नहीं मिला है

Akhileshअपडेटेड Dec 14, 2024 पर 2:34 PM
Farmer's Protest: शंभू बॉर्डर पर भारी बवाल! पुलिस ने किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले, वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल
Farmer's Protest: शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया

Farmer's protest News: पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू विरोध स्थल से 101 किसानों का जत्था शनिवार (14 दिसंबर) दोपहर करीब 12 बजे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर से शुरू किया। हालांकि, कुछ मीटर आगे बढ़ने के बाद ही प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग से रोक दिया गया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार कीं। जानकारी के मुताबिक आंसू गैस के गोले दागने से कुछ किसान घायल हो गए और उन्हें प्रदर्शन स्थल पर खड़ी एंबुलेंसों से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।

इससे पहले अंबाला के उपायुक्त पार्थ गुप्ता और अंबाला के पुलिस अधीक्षक एस.एस. भोरिया ने कुछ प्रदर्शनकारी किसानों से आधे घंटे से अधिक समय तक बातचीत की। इस दौरान उन्हें दिल्ली से राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने की अनुमति प्राप्त करने के लिए मनाने की कोशिश की। हालांकि, किसान दिल्ली जाने पर अड़े रहे और सुरक्षाकर्मियों से उन्हें आगे बढ़ने देने का आग्रह किया।

दिल्ली जाने की तीसरी कोशिश

किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का यह तीसरा प्रयास है। इससे पहले उन्होंने 6 दिसंबर और 8 दिसंबर को भी इसी तरह के दो प्रयास किए थे, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी थी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांग कर रहे हैं। वे केंद्र पर अपने मुद्दों को सुलझाने के लिए उनके साथ बातचीत शुरू करने का दबाव बना रहे हैं।

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