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Karnataka Elections: कर्नाटक के बाद अब दिल्ली कितनी दूर? कांग्रेस के लिए कैसी स्ट्रैटेजी हो सकती है कारगर?

Karnataka Elections: कांग्रेस ने शानदार बहुमत के साथ कर्नाटक फतह कर लिया है। हालांकि दिल्ली कितनी दूर है, इस पर कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी। पहले भी ऐसा हुआ है कि राज्यों में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद लोकसभा में पार्टियां फिसड्डी साबित हुई हैं। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस को यह जीत कैसे मिली है और इस जीत के मायने क्या हैं और आगे लोकसभा चुनावों के लिए क्या स्ट्रैटेजी कारगर हो सकती है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड May 13, 2023 पर 5:46 PM
Karnataka Elections: कर्नाटक के बाद अब दिल्ली कितनी दूर? कांग्रेस के लिए कैसी स्ट्रैटेजी हो सकती है कारगर?
कर्नाटक की जीत में भारत जोड़ो यात्रा की क्या भूमिका है, इसे लेकर पार्टी के प्रवक्ता लोग राहुल गांधी के राज्य में दौरे का उदाहरण दे रहे हैं। राहुल गांधी ने दक्षिणी राज्यों यानी तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 59 दिनों की यात्रा की जिसमें 21 दिन कर्नाटक में लगे थे और इस दौरान वह 557 किमी कर्नाटक में पैदल चले।

Karnataka Elections: कर्नाटक में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। हालांकि दिल्ली अभी कितनी दूर है, इसके बारे में कुछ पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है। कर्नाटक की जीत ने कांग्रेस का जोश बढ़ाया है लेकिन अगले साल लोकसभा चुनावों के लिए इसे अहम स्ट्रैटेजी बनानी होगी। करीब 20 साल पहले बीजेपी के गठबंधन नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने 2003 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में शानदार जीत के बाद 2004 में समय से पहले लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने की कोशिश की। हालांकि राज्यों की जीत से उत्साहित एनडीए केंद्र में वापसी नहीं कर सकी। एनडीए में बीजेपी की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) की सीटें तो दोहरे अंकों में भी नहीं पहुंच सकीं।

ऐसा ही कई और राज्यों में हुआ है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी 2014 से बंपर बहुमत हासिल कर रही है लेकिन लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। कर्नाटक की ही बात करें तो बीजेपी ने 2009 में इसे फतह किया था लेकिन केंद्र में सरकार कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए के बनी। ऐसे में कांग्रेस के लिए अभी से कह देना कि दिल्ली अब दूर नहीं, जल्दबाजी होगी। हालांकि इस जीत ने मोराल बूस्टर का काम तो किया ही है।

पार्टी नेता Rahul Gandhi और Bharat Jodo Yatra को दे रहे श्रेय

कर्नाटक में जीत किसके दम पर मिली, इसे लेकर पार्टी नेताओं ने बिना देरी किए राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को दिया। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा पिछले साल 2022 में शुरू की थी और इसकी तहत दक्षिण से लेकर उत्तर तक के राज्यों की उन्होंने पदयात्रा की थी। कर्नाटक की जीत का श्रेय पार्टी के नेता इसे दे रहे हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (75), ओबीसी कुरुबा समुदाय के नेता डीके शिवकुमार (60) और वोक्कालिंगा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (80) जैसे स्थानीय नेताओं की मेहनत को श्रेय नहीं दे रहे। इन तीनों नेताओं ने कर्नाटक में कांग्रेस के सफलता की कहानी लिखी लेकिन यह पार्टी के लिए आम परंपरा बन चुकी है कि सफलता के लिए गांधी परिवार को और असफलताओं के लिए स्थानीय नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाए।

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