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Ram Navami 2024: '5 शताब्दियों के बाद ये सौभाग्य मिला है', रामनवमी पर पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं

Ram Navami 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली राम नवमी एक पीढ़ीगत मील का पत्थर है

Akhileshअपडेटेड Apr 17, 2024 पर 10:30 AM
Ram Navami 2024: '5 शताब्दियों के बाद ये सौभाग्य मिला है', रामनवमी पर पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं
Ram Navami 2024: रामनवमी के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु राम मंदिर पहुंच रहे हैं

Ram Navami 2024: देशभर में श्रीरामनवमी (Ram Navami 2024) का त्योहार धूमधाम से मनाई जा रही है। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। अयोध्या नगरी में धूमधाम से श्ररामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। वहीं, इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लोगों को रामनवमी की बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे रामलला विराजमान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि 5 शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है। इसके अलावा उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली राम नवमी एक पीढ़ीगत मील का पत्थर है, जो आशा और प्रगति के एक नए युग के साथ सदियों की भक्ति को एक साथ जोड़ती है।

उन्होंने कहा कि यह वह दिन है जिसका करोड़ों भारतीयों को इंतजार था। असंख्य लोगों ने इस पवित्र उद्देश्य के लिए अपना जीवन समर्पित किया। पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे और हमारे जीवन को ज्ञान और साहस से रोशन करते हुए हमें धर्म और शांति की ओर ले जाएं।

पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु श्रीराम भारतीय जनमानस के रोम-रोम में रचे-बसे हैं, अंतर्मन में समाहित हैं। भव्य राम मंदिर की प्रथम रामनवमी का यह अवसर उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।

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