Get App

JRD Tata ने अचानक क्यों रतन टाटा को सौंप दी थी समूह की कमान? जानिए यह दिलचस्प कहानी

रतन टाटा के हाथ टाटा समूह की कमान सौंपने के दो साल बाद जेआरडी टाटा का निधन हो गया था। सवाल है कि क्या जेआरडी टाटा को अपनी दिल की बीमारी के बारे में पता चलने के बाद भविष्य की घटनाओं का अंदाजा हो गया था? अगर उन्होंने अचानक Tata Group की कमान Ratan Tata को सौंपने का फैसला नहीं किया होता तो क्या आज टाटा ग्रुप इस मुकाम पर होती

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 10, 2024 पर 12:29 PM
JRD Tata ने अचानक क्यों रतन टाटा को सौंप दी थी समूह की कमान? जानिए यह दिलचस्प कहानी
उद्योग की दुनिया से जुड़े रतन टाटा को उद्योग के बाहर की भी दुनिया में जो सम्मान हासिल था, उसकी शायद ही कोई दूसरी मिसाल मिले।

रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर हर व्यक्ति मायूस है। उद्योग की दुनिया से जुड़े रतन टाटा को उद्योग के बाहर की भी दुनिया में जो सम्मान हासिल था, उसकी शायद ही कोई दूसरी मिसाल मिले। इसमें सबसे बड़ा हाथ टाटा ब्रांड की व्यापक पहुंच का रहा। सॉल्ट से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा ग्रुप ने लोगों के दिल में जो जगह बनाई है, वह बेमिसाल है। इसका बड़ा श्रेय रतन टाटा को जाता है। जेआरडी टाटा से समूह की कमान अपने हाथ में लेने के बाद रतन टाटा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सवाल है कि आखिर उनके हाथ टाटा समूह की कमान कैसे आई थी?

1991 में रतन टाटा को मिली थी समूह की कमान

JRD Tata ने मार्च 1991 में टाटा ग्रुप की कमान रतन टाटा के हाथों में सौंप दी थी। रतन टाटा ने खुद इस दिलचस्प घटना के बारे में बताया था। उन्होंने टीवी पर आने वाले सिमी ग्रेवाल के एक शो Rendezvous में इस बारे में खुलासा किया था। यह बात 1991 की थी। रतन टाटा ने कहा था, "मैं और जेआरडी एक कार्यक्रम के लिए जमशेदपुर में थे। मुझे स्टटगार्ट (जर्मनी का शहर) किसी मीटिंग के लिए जाना था। जब मैं वापस आया तो मुझे पता चला कि वह (जेआरडी) हार्ट की समस्या की वजह से बॉम्बे के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती हैं।"

इस वजह से जेआरडी ने लिया था फैसला

सब समाचार

+ और भी पढ़ें