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Bulldozer Justice Row: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया ब्रेक, 1 अक्टूबर तक तोड़फोड़ पर रोक

Bulldozer Justice Row: बुलडोजर कार्रवाई के महिमामंडन पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़ा किया है। कोर्ट ने कहा यह रूकना चाहिए। इससे पहले बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को कहा था कि यदि कोई व्यक्ति दोषी भी है तो भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता

Akhileshअपडेटेड Sep 17, 2024 पर 3:14 PM
Bulldozer Justice Row: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया ब्रेक, 1 अक्टूबर तक तोड़फोड़ पर रोक
Bulldozer Justice Row: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है

Bulldozer Justice Row: सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक देश में कहीं भी मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगा। मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। अब 1 अक्टूबर तक देश में कहीं भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ होने वाले बुलडोजर एक्शन पर ये आदेश लागू नहीं होगा। बुलडोजर कार्रवाई के महिमामंडन पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़ा किया। कोर्ट ने कहा यह रूकना चाहिए।

इससे पहले बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को कहा था कि यदि कोई व्यक्ति दोषी भी है तो भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक सड़कों, रेलवे या जल निकायों पर अतिक्रमण से संबंधित मामलों को छोड़कर 1 अक्टूबर तक सभी ध्वस्तीकरण कार्यों पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने "बुलडोजर न्याय" के महिमामंडन की आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से स्पष्ट निर्देश बनाने का आग्रह किया कि ध्वस्तीकरण कार्य नगरपालिका कानूनों का पालन सुनिश्चित करें। सॉलिसिटर जनरल ने विभिन्न राज्यों में उचित नोटिस जारी किए जाने के बावजूद चल रहे ध्वस्तीकरण कार्यों पर आपत्ति जताई।

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर जस्टिस मामले में सॉलिसिटर जनरल (SG) ने स्थगन का अनुरोध किया, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि जयपुर और भीलवाड़ा में रोजाना तोड़फोड़ हो रही है। कोर्ट ने स्पष्ट दिशा-निर्देशों की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बिना उचित नोटिस या उचित प्रक्रिया के कोई तोड़फोड़ न की जाए। जस्टिस के.वी. विश्वनाथन ने अवैध तोड़फोड़ को रोकने और कार्यकारी दुरुपयोग से बचने के लिए एक दिशा-निर्देशों लागू करने की बात कही है।

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