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Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट ने SBI को चुनावी बॉन्ड की बिक्री तुरंत रोकने को कहा, चुनाव आयोग को भी दिए ये निर्देश

Electoral Bonds Scheme Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया और कहा कि यह सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की संविधान पीठ ने योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अलग-अलग लेकिन सर्वसम्मत फैसले सुनाए

Akhileshअपडेटेड Feb 15, 2024 पर 1:38 PM
Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट ने SBI को चुनावी बॉन्ड की बिक्री तुरंत रोकने को कहा, चुनाव आयोग को भी दिए ये निर्देश
Electoral Bonds Scheme Verdict: चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को असंवैधानिक करार दिया है

Electoral Bonds Scheme Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को चुनावी बांड जारी करना तुरंत बंद करने और 6 मार्च तक चुनाव आयोग को सभी डिटेल्स जमा करने का निर्देश दिया। चुनाव आयोग SBI से जानकारी प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर दान देने वालों के नामों को सार्वजनिक कर देगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि SBI सभी पार्टियों को मिले चंदे की जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को दे। फिर चुनाव आयोग 13 मार्च तक यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे। अभी जो बांड कैश नहीं हुए राजनीतिक दल उसे बैंक को वापस करें।

दूरगामी परिणाम वाले इस ऐतिहासिक फैसले में भारतीय स्टेट बैंक को 6 वर्ष पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश दिए गए। इसमें कहा गया कि जानकारी में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी। साथ ही पूरा डिटेल्स 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।

13 मार्च तक सार्वजनिक होंगे नाम

पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग को SBI द्वारा साझा की गई जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी चाहिए। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की संविधान पीठ ने योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अलग-अलग लेकिन सर्वसम्मत फैसले सुनाए। इस फैसले को केंद्र सरकर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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