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इस पौधे के पत्ते और जड़ शरीर का कर देंगे कायापलट, डेंगू, शुगर जैसी कई बीमारियों का होगा नाश

कोरोना काल में गिलोय का काफी इस्तेमाल किया गया। गिलोय में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं, जो हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसे अमृत बेल भी कहा जाता है। इसकी जड़ी बूटी के डंठल-पत्ते, पाउडर या जूस के सेवन से कई कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 21, 2023 पर 9:39 AM
इस पौधे के पत्ते और जड़ शरीर का कर देंगे कायापलट, डेंगू, शुगर जैसी कई बीमारियों का होगा नाश
गिलोय बेल की डंडियों का काढ़ा, पत्तों का रस सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है

गिलोय अब एक जाना-पहचाना नाम है। यह देश की एक प्राचीन जड़ी-बूटी है। यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे इम्यूनिटी बढ़ाने, शरीर का कायाकल्प करने, गठिया, डायबिटीज जैसी कई गंभीर बीमारियों के लिए रामबाण है। जब भारत में डेंगू का गंभीर प्रकोप फैलता है। तब इसके काढ़े का प्रचलन तेजी से बढ़ता है। कोविड के प्रकोप के दौरान भी इसकी काफी चर्चा हुई थी। इसे गुडुची के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसे 'अमृता' (अमरता का दिव्य अमृत) कहा जाता है। देश का आयुष मंत्रालय इसे राष्ट्रीय औषधि बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है।

गुडुची को आयुर्वेद में सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है। इस जड़ी बूटी में बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया, गाउट, वायरल बुखार, खांसी और जुकाम जैसे रोगों से लड़ने और उन्हें खत्म करने की पूरी क्षमता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।

गिलोय के फायदे

इस पर पीले और हरे रंग के फूलों के गुच्छे लगते हैं। इसके पत्ते कोमल और पान के आकार के होते हैं। यह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उस वृक्ष के कुछ गुण भी इसके अन्दर आ जाते हैं। इसीलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय सबसे अच्छी मानी जाती है। गिलोय भारत की ही जड़ी बूटी है और यह श्रीलंका, बांगलादेश, म्यांमार आदि देशों में भी पाई जाती है। गिलोय बेल की डंडियों का काढ़ा, पत्तों का रस शरीर के बेहद फायदेमंद माना जाता है। देश का आयुष मंत्रालय इस प्रयास में भी है कि इसे राष्ट्रीय औषधि के रूप में प्रमोट किया जाए।

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