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JNU के स्कॉलर महाकुंभ में बन गए नागा साधु, इंटरनेशनल महामंडलेश्वर की मिली उपाधि

Mamakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ और संगम किनारे पर बिखरे आस्था और भक्ति के अनेको रंग देखने को मिल रहे हैं। महाकुंभ कई लोग संन्यास भी ग्रहण करते हुए देखे जा रहे हैं। वहीं JNU के स्कॉलर महाकुंभ में नागा साधु बन गए हैं। इंटरनेशनल रिलेशंस के एक्सपर्ट रहे डॉ. रमेश पंढरीनाथ गायकवाड़ ने अब संन्यास ले लिया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 11, 2025 पर 10:47 AM
JNU के स्कॉलर महाकुंभ में बन गए नागा साधु, इंटरनेशनल महामंडलेश्वर की मिली उपाधि
टरनेशनल रिलेशंस के एक्सपर्ट रहे डॉ. रमेश पंढरीनाथ गायकवाड़ ने अब संन्यास ले लिया है

Mahakumbh 2025 : जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के स्कॉलर महाकुंभ में नागा साधु बन गए हैं। JNU में इंटरनेशनल रिलेशंस के एक्सपर्ट रहे डॉ. रमेश पंढरीनाथ गायकवाड़ ने अब संन्यास ले लिया है। उन्होंने अपना नाम बदलकर श्री रमन गुरु मौनगिरी रखा और महाकुंभ में इंटरनेशनल महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त की। बता दें कि डॉ. गायकवाड़ पहले वैश्विक शांति पर अपने शोध के लिए मशहूर थे।

उन्होंने इस विषय पर कई लेख लिखे, जिनमें अमेरिकन ग्रैंड स्ट्रैटेजी और अमेरिकन जियोग्राफर्स के लिए रिसर्च पेपर शामिल हैं।

इंटरनेशनल रिलेशंस के रहे हैं एक्सपर्ट

अपनी एकेडमिक जर्नी के दौरान, वे अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के साथ मिलकर काम किया। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के साथ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर काम किया। मौनगिरी जी महाराज, स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से काफी प्रभावित थे। स्कूली शिक्षा के दौरान, जब वे नासिक में संत जनार्दन स्वामी आश्रम गए तो उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ा। मठवासी परंपराओं के संपर्क में आने से उनके मन में त्याग का भाव जागा और उनका जीवन बदल गया।

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