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बस एक आम गलती, पूरी जमा-पूंजी हवा, Zerodha के नितिन कामत ने किया आगाह

कठिन वक्त में खर्च के लिए लोग जमा-पूंजी जोड़ते रहते हैं या रिटायरमेंट के लिए जिंदगी भर पैसे निवेश करते रहते हैं। हालांकि एक गलती ऐसी होती है, जिसे किया तो ऐसी भी नौबत आ सकती है कि एक झटके पर पूरी जमा-पूंजी हवा हो जाए। यह कोई डराने वाली बात नहीं है और जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने इसे एक चेतावनी के रूप में लोगों को आगाह किया है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 02, 2023 पर 4:27 PM
बस एक आम गलती, पूरी जमा-पूंजी हवा, Zerodha के नितिन कामत ने किया आगाह
नितिन कामत ने पहली बार हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत को लेकर नहीं कहा है। इससे पहले अप्रैल में भी उन्होंने कहा था कि इलाज का खर्च लगातार बढ़ रहा है और इसके झटके से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है कि सभी भारतीय परिवारों को स्वास्थ्य बीमा को लेकर जागरुक किया जाए।

कठिन वक्त में खर्च के लिए लोग जमा-पूंजी जोड़ते रहते हैं या रिटायरमेंट के लिए जिंदगी भर पैसे निवेश करते रहते हैं। हालांकि एक गलती ऐसी होती है, जिसे किया तो ऐसी भी नौबत आ सकती है कि एक झटके पर पूरी जमा-पूंजी हवा हो जाए। यह कोई डराने वाली बात नहीं है और जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने इसे एक चेतावनी के रूप में लोगों को आगाह किया है। उनका कहना है कि अधिकतर भारतीय यह गलती करते हैं। यह गलती ये है कि वे खुद का और अपने परिवार के लिए पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस कवर नहीं लेते हैं। नितिन कामत के मुताबिक सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय निवेश स्वास्थ्य बीमा है।

'सिर्फ इंश्योरेंस होना ही काफी नहीं है'

अब सवाल उठता है कि हेल्थ इंश्योरेंस ले लिया, अब सही है? नितिन कामत के मुताबिक ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। सिर्फ इंश्योरेंस होना ही काफी नहीं है क्योंकि इंश्योरेंस होने का मतलब ये नहीं है कि सभी क्लेम प्रोसेस हो ही जाएंगे। कुछ मामलों में ऐसा होता है कि या तो पूरा क्लेम ही रिजेक्ट हो जाए या इलाज का पूरा पैसा न मिले। इसे लेकर उन्होंने जीरोधा का एक लिंक साझा किया है जिसमें बताया गया है कि वे कौन-से आम कारण हैं जिनके आधार पर क्लेम पर असर पड़ सकता है।

इसमें से एक सुझाव तो ये है कि अगर बीमा कंपनी ओवरचार्जिंग के चलते क्लेम घटा रही है तो इसे जाने न दें और इसे लेकर लड़ाई करें। एक और वजह से क्लेम पर असर पड़ता है जिसके तहत तहत बीमा कंपनियां कहती हैं कि आपने पहले की बीमारी के बारें में नहीं बताया, तो इसके लिए पॉलिसी खरीदने के बाद अपने हेल्थ चेकअप की एक रिपोर्ट सुरक्षित रख लें। यह चेक कर लें कि पॉलिसी लेने के कितने समय बाद किन चीजों के लिए कवर शुरू हो जाएगा। बीमा कंपनियों की ब्लैकलिस्ट लिस्ट में शामिल हॉस्पिटल में इलाज न कराएं।

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