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झुलसा देने वाली इस गर्मी की आखिर क्या है वजह? जानिए CSE की स्टडी के नतीजे

झुलसा देने वाली इस गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। कई लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों में ऐसी गर्मी नहीं पड़ी थी। सीएसई की स्टडी में इस भीषण गर्मी की वजह जानने की कोशिश की गई। स्टडी के नतीजे बताते हैं कि पिछले 10 सालों में रात का तापमान उतना नहीं घट रहा है, जितना वह उससे पहले के 10 सालों में घटता था

MoneyControl Newsअपडेटेड May 28, 2024 पर 6:12 PM
झुलसा देने वाली इस गर्मी की आखिर क्या है वजह? जानिए CSE की स्टडी के नतीजे
स्टडी में पाया गया कि कुछ शहरों में तापमान ज्यादा नहीं बढ़ा लेकिन ह्यूमिडिटी का लेवल बढ़ने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा।

पूरा उत्तर भारत गर्मी से बेहाल है। लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों में ऐसी गर्मी नहीं पड़ी थी। दिल्ली स्थित थिंकटैंक सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (CSE) की एक स्टडी से पता चला है कि रात में शहरों में पारा उतना नहीं घट रहा है जितना 2001-2010 के दौरान घटता था। इस स्टडी के लिए छह बड़े शहरों के तापमान का विश्लेषण किया गया। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु शामिल थे। स्टडी के लिए 23 साल यानी जनवरी 2001 से अप्रैल 2014 तक के तापमान को लिया गया।

ह्यूमिडिटी ने बढ़ाई दिक्कत

स्टडी में पाया गया कि कुछ शहरों में तापमान (temperature) ज्यादा नहीं बढ़ा लेकिन ह्यूमिडिटी (Humidity) का लेवल बढ़ने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। हवा का तापमान, धरती का तापमान और ह्यूमिडिटी ज्यादा होने से लू जैसी स्थिति पैदा हुई, जिससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। स्टडी में यह पाया गया कि हवा के तापमान में अंतर होने के बावजूद ह्यूमिडिटी और धरती के तापमान ने स्थिति मुश्किल कर दी।

रात के तापमान में नहीं आ रही कमी

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