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Flair Writing की लिस्टिंग को लेकर एक्सपर्ट्स पॉजिटिव, इस भाव पर शुरू हो सकता है शेयरों का सफर

Flair Writing IPO Listing: स्टेशनरी प्रोडक्ट्स बनाने वाली मुंबई की फ्लेयर राइटिंग (Flair Writing) के शेयरों की 1 दिसंबर को धांसू एंट्री हो सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इश्यू प्राइस के मुकाबले इसके शेयरों का सफर 25 फीसदी प्रीमियम पर शुरू हो सकता है। इसके शेयर 304 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं यानी कि एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके शेयर 380 रुपये के आस-पास भाव पर लिस्ट हो सकते हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 30, 2023 पर 11:44 AM
Flair Writing की लिस्टिंग को लेकर एक्सपर्ट्स पॉजिटिव, इस भाव पर शुरू हो सकता है शेयरों का सफर
देश के राइटिंग और क्रिएटिव इंस्ट्रूमेंट्स इंडस्ट्री में Flair Writing की 9 फीसदी हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2021-23 के दौरान इसका नेट प्रॉफिट सालाना 992.21 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 118.10 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

Flair Writing IPO Listing: स्टेशनरी प्रोडक्ट्स बनाने वाली मुंबई की फ्लेयर राइटिंग (Flair Writing) के शेयरों की 1 दिसंबर को धांसू एंट्री हो सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इश्यू प्राइस के मुकाबले इसके शेयरों का सफर 25 फीसदी प्रीमियम पर शुरू हो सकता है। इसके शेयर 304 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं यानी कि एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके शेयर 380 रुपये के आस-पास भाव पर लिस्ट हो सकते हैं। इसके IPO के तगड़े सब्सक्रिप्शन, बेहतर वैल्यूएशन, मजबूत वित्तीय स्थिति और डाईवर्सिफाईड प्रोडक्ट पोर्टफोलियो के चलते ही एक्सपर्ट्स ये अनुमान लगा रहे हैं। इसके अलावा इस समय मार्केट में बुलिश सेंटिमेंट है जिसके चलते भी दमदार लिस्टिंग गेन की संभावना बनी है।

Flair Writing IPO को रिस्पांस कैसा मिला था?

फ्लेयर राइटिंग ₹593 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22-24 नवंबर के बीच खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 46.68 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 115.6 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 33.37 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 13.01 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 292 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 5 रुपये की फेस वैल्यू वाले 99,01,315 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल गुजरात के वलसाड में नया प्लांट लगाने, कंपनी और इसकी सब्सिडियरी के कैपिटल एक्सपेंडिचर की फंडिंग, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, कर्ज चुकाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।

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