क्या आपको भी IPO में जल्दी शेयर नहीं मिलता है? आमतौर पर जब भी कोई अच्छी कंपनी अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO लाती है, तो उसके शेयरों को कई गुना अधिक बोली या सब्सक्रिप्शन मिलता है। इसे ओवरसब्सक्रिप्शन कहते हैं। ऐसे में कंपनी कैसे तय करती है कि किसे और कितने शेयर मिलेंगे? जब कोई IPO ओवरसब्सक्राइब होता है, तो कंपनियां पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शेयरों के अलॉटमेंट के लिए एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया का इस्तेमाल करती है। यह प्रक्रिया कैसे काम करती है, आइए इसे जानते हैं।