LIC IPO में बोली लगाने के लिए अब कुछ ही घंटे बचे हैं। सोमवार (9 मई) को दिन में 11:45 बजे तक यह इश्यू दो गुना सब्सक्राइब हो गया था। रिटेल इनवेस्टर्स का कोटा 1.7 गुना सब्सक्राइब हो गया था। उधर, स्टॉक मार्केट में सोमवार को बड़ी कमजोरी दिखी।
LIC IPO में बोली लगाने के लिए अब कुछ ही घंटे बचे हैं। सोमवार (9 मई) को दिन में 11:45 बजे तक यह इश्यू दो गुना सब्सक्राइब हो गया था। रिटेल इनवेस्टर्स का कोटा 1.7 गुना सब्सक्राइब हो गया था। उधर, स्टॉक मार्केट में सोमवार को बड़ी कमजोरी दिखी।
एक समय बीएसई सेंसेक्स गिरकर 54,000 अंक के नीचे चला गया था। निफ्टी 50 भी 16,150 अंक तक आ गया था। हालांकि, बाद में कुछ रिकवरी दिखी। दिन में 11:48 बजे सेंसेक्स 365 अंक गिरकर 54,469 अंक पर था। निफ्टी 50 भी 105 अंक गिरकर 16,306 अंक पर था। स्टॉक मार्केट में कमजोरी का असर LIC के IPO पर पड़ा है।
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शेयर बाजार में कमजोरी का असर ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयरों के प्रीमियम पर भी पड़ा है। इश्यू के आखिरी दिन यानी सोमवार को ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर पर प्रीमियम घटकर सिर्फ 24 रुपये रह गया। एक दिन पहले तक यह प्रीमियम 60 रुपये तक था। एक समय प्रीमियम 100 रुपये पर पहुंच गया था। LIC का आईपीओ ओपन होने के बाद से ग्रे मार्केट में इसके प्रीमियम में लगातार गिरावट आई है।
खास बात यह है कि इस आईपीओ में ज्यादातर रिटेल इनवेस्टर्स और पॉलिसीहोल्डर्स ने फटाफट प्रॉफिट यानी लिस्टिंग गेंस के लिए बोली लगाई है। इसका संकेत पिछले चार महीनों में खुले नए डीमैट अकाउंट से मिला है। जनवरी से अप्रैल के दौरान एक करोड़ से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुले हैं। सिर्फ अप्रैल में 40 लाख से ज्यादा डीमैट अकाउंट खुले हैं। ये ऐसे इनवेस्टर्स हैं जो पहली बार आईपीओ में इनवेस्ट कर रहे हैं।
स्टॉक मार्केट में खराब हालात के बाद मार्केट एक्सपर्ट्स के सुर भी बदल गए हैं। इस महीने की शुरुआत में सेंसेक्स 57060 अंक पर था। सोमवार (9 मई) को दोपहर 12 बजे यह 54,452 अंक पर था। इसका मतलब है कि पिछले 8-9 दिन में यह 4.57 फीसदी टूट चुका है। इस गिरावट के बाद एलआईसी के आईपीओ को लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स की राय बदलती दिख रही है।
अब बाजार के जानकार इस इश्यू को लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट अपॉर्चुनिटी मान रहे हैं। उनका कहना है कि इनवेस्टर्स को इस इश्यू में लिस्टिंग गेंस के लिए इनवेस्ट नहीं करना चाहिए। हालांकि सरकार ने आईपीओ के लिए एलआईसी का वैल्यूएशन बहुत कम रखा है। इसलिए यह इश्यू अट्रैक्टिव है। मार्केट के खराब हालात के बावजूद लॉन्ग टर्म में इस शेयर के अच्छे परफॉर्मेंस को लेकर कोई संदेह नहीं है।
स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट के हेड ऑफ रिसर्च संतोष मीणा ने कहा कि दूसरी इंश्योरेंस कंपनियों के मुकाबले एलआईसी की वैल्यूएशन कम है। इनवेस्टर्स को यह समझना चाहिए कि इंश्योरेंस लॉन्ग टर्म बिजनेस है। इसलिए उन्हें इस इश्यू में लॉन्ग टर्म के लिए इनवेस्ट करना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अगले 8-10 दिन में स्टॉक मार्केट का सेंटीमेंट कमोजर बना रहता है तो एलआईसी के शेयरों की लिस्टिंग पर भी असर पड़ सकता है।
एलआईसी के शेयर 17 मई को स्टॉक मार्केट में लिस्ट होंगे। प्राइस बैंड का ऊपरी स्तर कट ऑफ प्राइस होगा। इसका मतलब है कि एलआईसी इनवेस्टर्स को 949 रुपये के रेट से शेयर एलॉट करेगी। रिटेल इनवेस्टर्स को डिस्काउंट के बाद यह शेयर 904 रुपये में एलॉट होंगे। पॉलिसीहोल्डर्स को शेयर डिस्काउंट के बाद 889 रुपये में एलॉट होंगे। इसका मतलब है कि अगर एलआईसी का शेयर 889 रुपये से कम भाव पर लिस्ट होता है तो इनवेस्टर्स को लॉस होगा।
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