Get App

NSE IPO: दो केस में ₹1388 करोड़ देगी एनएसई! अब तक का रिकॉर्ड सेटलमेंट ऑफर

NSE IPO: बीएसई की लिस्टिंग के बाद से ही एनएसई की भी लिस्टिंग का भी इंतजार किया जा रहा है। अब सामने आ रहा है कि एनएसई आईपीओ पर आगे बढ़ने से पहले बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के साथ लंबे समय से चल रहे दो मामलों के निपटारे के लिए रिकॉर्ड सेटलमेंट ऑफर कर रही है। समझें पूरा मामला

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 25, 2025 पर 1:44 PM
NSE IPO: दो केस में ₹1388 करोड़ देगी एनएसई! अब तक का रिकॉर्ड सेटलमेंट ऑफर
NSE IPO: एनएसई लंबे समय से को-लोकेशन और डार्क फाइबर केस से जूझ रही है। अब इन दोनों केसेज के निपटारे के लिए एनएसई ने ₹1388 करोड़ के पेमेंट का प्रस्ताव रखा है।

NSE IPO: एनएसई लंबे समय से को-लोकेशन और डार्क फाइबर केस से जूझ रही है। अब इन दोनों केसेज के निपटारे के लिए एनएसई ने ₹1388 करोड़ के पेमेंट का प्रस्ताव रखा है। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। एनएसई ने जो पेमेंट ऑफर किया है, वह अब तक किसी भी एक एंटिटी की तरफ से अब तक का रिकॉर्ड है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एनएसई ने को-लोकेशन केस के सेटलमेंट के लिए ₹1165 करोड़ और डार्क फाइबर केस के सेटलमेंट के लिए ₹223 करोड़ के पेमेंट का प्रस्ताव दिया है।

क्या है Co-Location Case और Dark Fibers Case

को-लोकेशन केस में आरोप है कि कुछ ब्रोकर्स ने अपने सर्वर को एनएसई के ट्रेडिंग सिस्टम के करीब रखकर अनुचित लाभ उठाया। इससे डेटा और ट्रेड तक उनकी पहुंच तेज हो गई। इससे मार्केट मैनिपुलेशन और फेयर एक्सेस की कमी से जुड़े सवाल उठे। सेबी ने वर्ष 2019 में शुरुआती आदेश में बड़ा जुर्माना लगा दिया जिसके खिलाफ एनएसई एसएटी पहुंच गई। इस मामले को सेबी सुप्रीम कोर्ट में लेकर गई, जहां यह मामला अभी भी पेंडिंग है। डार्क फाइबर केस की बात करें तो इसमें आरोप है कि वर्ष 2009 से वर्ष 2016 के बीच एनएसई ने कुछ ब्रोकर्स को अनाधिकृत 'डार्क फाइबर' लिंक्स के जरिए को-लोकेशन फैसिलिटीज का प्रिफरेंशियल एक्सेस दिया। इससे इन ब्रोकर्स की ट्रेडिंग स्पीड बाकियों की तुलना में तेज हो गई।

NSE IPO को लेकर कहां तक पहुंचा प्रोसेस?

सब समाचार

+ और भी पढ़ें