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Lenskart IPO से बिलेनियर क्लब में शामिल हो सकते हैं पीयूष बंसल, नवंबर में होने वाली है लिस्ट

Lenskart IPO: कंपनी ऑनलाइन तो मौजूद है ही, साथ ही मार्च 2025 तक इसके भारत भर में, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे बाजारों में 2723 स्टोर थे। लेंसकार्ट में जापान के सॉफ्टबैंक के पास 15% हिस्सेदारी है। बंसल ने लिंक्डइन पर मिले पार्टनर्स की मदद से 15 साल पहले इस कंपनी को शुरू किया था

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 17, 2025 पर 1:38 PM
Lenskart IPO से बिलेनियर क्लब में शामिल हो सकते हैं पीयूष बंसल, नवंबर में होने वाली है लिस्ट
Lenskart भारत के सबसे बड़े ओम्नी-चैनल आईवियर ब्रांड के रूप में विकसित हुई है।

Lenskart IPO: आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (Lenskart) नवंबर 2025 की शुरुआत में शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी में है। कंपनी की नजर 9 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, लेंसकार्ट के IPO से इसके फाउंडर पीयूष बंसल डॉलर टर्म में अरबपति बनने के करीब पहुंच सकते हैं। या हो सकता है कि वह अरबपति बन ही जाएं। बंसल ने लिंक्डइन पर मिले पार्टनर्स की मदद से 15 साल पहले इस कंपनी को शुरू किया था। अब इसका अरबों डॉलर का बिजनेस है।

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, IPO में अपने शेयरों का एक छोटा सा हिस्सा बेचने के बाद पीयूष बंसल को लगभग 80 करोड़ डॉलर मिलेंगे। अगर लेंसकार्ट के शेयर शुरुआत में ही लगभग 25% बढ़ जाते हैं, तो यह अमाउंट 1 अरब डॉलर (करीब 8793 करोड़ रुपये) को पार कर सकता है। लेंसकार्ट को साल 2008 में पीयूष बंसल, अमित चौधरी, नेहा बंसल और सुमीत कपाही ने शुरू किया था। पीयूष बंसल, रिएलिटी शो शार्क टैंक इंडिया में जज के तौर पर देखे जा चुके हैं।

Lenskart भारत का सबसे बड़ा ओम्नी-चैनल आईवियर ब्रांड

लेंसकार्ट भारत के सबसे बड़े ओम्नी-चैनल आईवियर ब्रांड के रूप में विकसित हुई है। यह ऑनलाइन तो मौजूद है ही, साथ ही मार्च 2025 तक इसके भारत भर में, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे बाजारों में 2,723 स्टोर थे। लेंसकार्ट ने भारत में रोबोटिक प्रोडक्शन के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसके लिए जर्मनी से इंपोर्ट की गई मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। लेंसकार्ट ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) के पास जमा की गई रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा था कि IPO के तहत 2150 करोड़ रुपये (लगभग 25 करोड़ डॉलर) के नए शेयर जारी होंगे। साथ ही मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल के जरिए शेयरों को बेचेंगे।

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