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IPO Update: केंट RO, Karamtara Engg समेत चार कंपनियों के IPO को SEBI की हरी झंडी

IPO News: Kent RO Systems का IPO पूरी तरह से प्रमोटरों द्वारा 1 करोड़ इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल होगा। चूंकि यह इश्यू पूरी तरह से OFS है, इसलिए कंपनी को इस आईपीओ से कोई फंड नहीं मिलेगा

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jun 10, 2025 पर 6:37 PM
IPO Update: केंट RO, Karamtara Engg समेत चार कंपनियों के IPO को SEBI की हरी झंडी
विद्या वायर्स के IPO में ₹320 करोड़ के शेयरों का एक फ्रेश इश्यू और प्रमोटरों द्वारा 1 करोड़ इक्विटी शेयरों तक का OFS है

IPO News: SEBI ने हाल ही में चार कंपनियों के IPO को मंजूरी दे दी है। इन कंपनियों में Kent RO Systems, Karamtara Engineering, ट्रांसफॉर्मर कंपोनेंट्स निर्माता मंगल इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज, और वाइंडिंग व कंडक्टिविटी उत्पाद बनाने वाली विद्या वायर्स शामिल हैं। इन सभी कंपनियों के इक्विटी शेयरों को BSE और NSE पर सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव है। इन चारों कंपनियों ने जनवरी में अपने IPO के दस्तावेज दायर किए थे और उन्हें 3 से 6 जून के दौरान SEBI की हरी झंडी मिली। ये कंपनियां सामूहिक रूप से करीब ₹2,500 करोड़ जुटाने की योजना में है।

1. Kent RO Systems का IPO

Kent RO Systems का IPO पूरी तरह से प्रमोटरों द्वारा 1 करोड़ इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल होगा। चूंकि यह इश्यू पूरी तरह से OFS है, इसलिए कंपनी को इस आईपीओ से कोई फंड नहीं मिलेगा। यानी, यह पैसा बेचने वाले प्रमोटरों के पास जाएगा। बता दें कि Kent RO कंपनी साल 2007 में निस्थापित हुई थी। यह भारत में आरओ सिस्टम्स के क्षेत्र की एक अग्रणी कंपनी है।

2. Karamtara Engineering का IPO

Karamtara Engineering के IPO में ₹1,350 करोड़ के शेयरों का एक फ्रेश इश्यू और प्रमोटरों द्वारा ₹400 करोड़ के शेयरों का OFS शामिल है। फ्रेश इश्यू से प्राप्त आय में से ₹1,050 करोड़ का उपयोग कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा, जबकि शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए आवंटित की जाएगी। आपको बता दें कि यह कंपनी सौर ऊर्जा और ट्रांसमिशन क्षेत्रों के लिए फास्टनरों और ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइन हार्डवेयर फिटिंग्स के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन के तौर पर कार्य करती है।

3. मंगल इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज का IPO

यह ₹450 करोड़ का IPO पूरी तरह से एक फ्रेश इश्यू है जिसमें कोई OFS नहीं है। ड्राफ्ट पेपर्स के अनुसार, आईपीओ से मिलने वाले पैसों में से ₹122 करोड़ का उपयोग कंपनी वर्किंग कैपिटल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, ₹120 करोड़ का उपयोग राजस्थान के सीकर में अपनी विनिर्माण सुविधा के विस्तार के लिए और ₹96 करोड़ का उपयोग कर्ज चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट खर्चों के लिए करने की योजना बना रही है।

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