Get App

Shiprocket IPO: कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा, रह सकते हैं ₹1200 करोड़ तक के नए शेयर

Shiprocket IPO: शिपरॉकेट 49 करोड़ से अधिक ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शंस को प्रोसेस करती है और अपने मुख्य कारोबार के माध्यम से 12 करोड़ से अधिक एंड यूजर्स को सर्विस देती है। एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, IPO के बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 21, 2025 पर 9:57 PM
Shiprocket IPO: कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा, रह सकते हैं ₹1200 करोड़ तक के नए शेयर
शिपरॉकेट ने हाल ही में भारत का पहला एआई-इंटीग्रेटेड मॉडल कॉन्टेक्स्ट प्रोटोकॉल सर्वर लॉन्च किया है।

Shiprocket IPO: शिपरॉकेट ने अपने IPO के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं। यह बात CNBC-TV18 को सोर्सेज से पता चली है। कंपनी अपने IPO से 2,000-2,500 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाना चाहती है। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।

कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।

IPO में नए शेयरों के साथ-साथ OFS भी

शिपरॉकेट के IPO में ₹1,000-1,200 करोड़ के नए शेयर रहेंगे। साथ ही मौजूदा निवेशकों की ओर से ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) भी रहेगा। IPO में नए शेयरों को जारी करके हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल प्रोडक्ट डेवलपमेंट, रणनीतिक अधिग्रहण, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और कंपनी के टेक्नोलॉजी स्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें